बिहार में निषाद आरक्षण पर गरमाई राजनीति, मुकेश सहनी की दो टूक
पटना
बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दलों के बीच हलचल तेज है, और इस बीच वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी का बड़ा बयान सामने आया है। निषाद समाज के लिए आरक्षण की मांग को दोहराते हुए सहनी ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर एक तीखी लेकिन भावुक टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, “अगर पीएम मोदी मेरी जान भी मांगेंगे तो मैं दे दूंगा, लेकिन पहले निषाद समाज को आरक्षण दें।” सहनी ने यह भी जोड़ दिया कि उन्हें अब पीएम मोदी से इस मुद्दे पर कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि 2014, 2015 और 2020 में किए गए वादे पूरे नहीं हुए।
दिल्ली और बंगाल में मिला आरक्षण, तो बिहार क्यों नहीं?
बीजेपी की ओर से वीआईपी को NDA में शामिल किए जाने की संभावनाओं पर सहनी ने कहा, अगर एनडीए में लौटने का रास्ता खुला है तो पहले आरक्षण दे, कोई एहसान नहीं करेंगे। जब दिल्ली और पश्चिम बंगाल में निषाद समाज को आरक्षण मिल सकता है तो बिहार में क्यों नहीं?
आगामी चुनावी समीकरणों में वीआईपी की अहम भूमिका
सहनी के इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां एक ओर इसे बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश माना जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसे आगामी चुनावी समीकरणों में वीआईपी की अहम भूमिका की ओर इशारा भी समझा जा रहा है।