उड़ान के दौरान घबराहट से कैसे पाएं छुटकारा – जानिए आसान उपाय
क्या आप भी फ्लाइट में चढ़ते ही नर्वस या घबराए हुए महसूस करते हैं?” “दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है… पसीना आने लगता है… और लगता है जैसे कुछ गलत हो जाएगा?खासकर उन लोगों के लिए जो पहली बार हवाई यात्रा कर रहे हों या जिन्हें क्लोस्ड स्पेस (बंद जगह) से डर लगता हो, उनके लिए ये एक्सपीरियंस और भी ज्यादा चैलेंजिंग हो सकता है.हालांकि, जरूरी नहीं कि आप हर बार एंग्जायटी कम करने के लिए दवाओं का सहारा लें. कुछ नेचुरल और आसान उपायों को अपनाकर आप अपने मन को शांत रख सकते हैं और अपनी जर्नी को आरामदायक बना सकते हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ नेचुरल तरीकों के बारे में, जिनकी मदद से प्लेन में होने वाली एंग्जायटी को काबू किया जा सकता है.
. हेल्थलाइन की रिपोर्ट बताती है कि, करीब 40 पर्सेंट लोगों को फ्लाइट में बैठने से एंग्जाइयटी होती है. तो वहीं 6.5 पर्सेंट लोग को फ्लाइट से फॉबिया है. अगर आप भी फ्लाइट में बैठने घबराते हैं या एंग्जायटी होने लगती हैं. तो आप नेचुरल तरीके से इसे कम कर सकते हैं.
- डीप ब्रीदिंग
जब भी आप फ्लाइट में बैठें और एंग्जायटी फील हो तो नाक से गहरी सांस लें और धीरे-धीरे मुंह से छोड़ें. इसे 4-7-8 ब्रीदिंग टेक्नीक भी कहते हैं . 4 सेकंड सांस लेना, 7 सेकंड तक रोकना और 8 सेकंड में छोड़ना. इससे ब्रेन को ऑक्सीजन मिलती है और नर्वस सिस्टम शांत होता है. - म्यूजिक थेरेपी लें
अपने पसंदीदा शांत म्यूजिक या मेडिटेशन ट्रैक सुनना फ्लाइट एंग्जायटी कम करने में मददगार होता है. हेडफोन लगाकर रिलैक्सिंग साउंड्स सुनें, जैसे, रेन साउंड, ओशियन वेव्स या सॉफ्ट क्लासिकल म्यूजिक. या जिस भी तरीका म्यूजिक आप पसंद करते हैं. - हर्बल टी या लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल
फ्लाइट से पहले या बोर्डिंग के बाद कैमोमाइल या पेपरमिंट हर्बल टी पीना शरीर को आराम देता है. साथ ही, लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें रुमाल पर लगाकर सूंघने से भी तनाव कम होता है. - किताब या पॉडकास्ट में ध्यान लगाएं
प्लेन में बैठे-बैठे अगर दिमाग बार-बार डर की ओर जा रहा है, तो उसे डायवर्ट करना जरूरी है. कोई हल्की-फुल्की किताब पढ़ें या पॉडकास्ट सुनें. इससे ध्यान बंटेगा और एंग्जायटी खुद कम हो जाएगी. - खिड़की या आगे की सीट बुक करें
अगर आप क्लॉस्ट्रोफोबिक फील करते हैं, तो खिड़की वाली सीट बेहतर होती है. बाहर देखने से मन शांत होता हैं. वहीं टर्ब्युलेंस कम महसूस करने के लिए प्लेन के आगे की सीटें चुनें, जहां कम झटके लगने से बच सकें.