लोकतंत्र रक्षकों को सम्मान देने की धामी सरकार की नई पहल
देहरादून
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोकतंत्र सेनानियों को दी जाने वाली सम्मान निधि में और बढ़ोतरी करेगी। इसके साथ ही उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर ‘संविधान हत्या दिवस’ का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने लोकतंत्र सेनानियों और उनके परिजनों का अभिनंदन करते हुए कहा कि आपातकाल का दौर भारत के लोकतंत्र के इतिहास का सबसे अंधकारमय काल था, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने मीसा और डीआईआर जैसे काले कानूनों के बावजूद लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए जेल की यातनाएं सहीं, वे सच्चे लोकतंत्र रक्षक हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले मानसून सत्र में लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण के लिए एक विशेष कानून लाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी का भी उल्लेख, आपातकाल के दौर में निभाई अहम भूमिका
धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने भी आपातकाल के दौरान भूमिगत रहकर लोकतंत्र की रक्षा में अहम भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ही 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया जाना शुरू हुआ, ताकि आने वाली पीढ़ियों को इस ऐतिहासिक अन्याय के बारे में बताया जा सके।
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और लोकतंत्र सेनानी हुए शामिल
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, लोकतंत्र सेनानी कृष्ण कुमार अग्रवाल, प्रेम बड़ाकोटी और कई अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे। सरकार ने राज्यभर में प्रदर्शनियों और जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए आपातकाल के दौर की सच्चाई को सामने लाने की योजना बनाई है।