गोरखपुर से राष्ट्रपति का संदेश, स्वास्थ्य ही बनेगा 2047 के भारत की नींव
गोरखपुर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को गोरखपुर में कहा कि अगर भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र और विश्व गुरु बनाना है, तो हर नागरिक को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी संपदा है।
राष्ट्रपति महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रही थीं। यह विश्वविद्यालय 268 करोड़ रुपये की लागत से पिपरी भटहट क्षेत्र में तैयार किया गया है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि योग सिर्फ भारत की नहीं, अब विश्व की धरोहर बन चुका है।
जनसेवा में थकना मना है, बनना होगा ‘निद्राजीत’: राष्ट्रपति का आह्वान
राष्ट्रपति ने कार्यक्षेत्र में सक्रिय लोगों के लिए योग को जरूरी बताया और कहा कि योग से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक ऊर्जा भी मिलती है। उन्होंने कहा, अगर हमें दिन-रात काम करना है तो निद्राजीत बनना होगा। योग से तीन घंटे की नींद भी आठ घंटे जैसी ताजगी देती है।
सीएम योगी की कार्यशैली की सराहना
द्रौपदी मुर्मू ने सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह सिर्फ योजनाएं नहीं बनाते, बल्कि उन्हें जमीन पर उतारने में भी लगातार प्रयासरत रहते हैं। उन्होंने कहा, जनसेवा में थकना मना है, आपको दिन-रात परिश्रम करना होगा।
गीता प्रेस को बताया भारत की धार्मिक चेतना का प्रहरी
उन्होंने योग के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए गोरखनाथ मंदिर दर्शन का अनुभव साझा किया और गीता प्रेस की पुस्तकों को ‘अमूल्य स्मृति’ बताया। राष्ट्रपति ने कहा कि गीता प्रेस ने भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने इस विश्वविद्यालय को प्राचीन परंपराओं का आधुनिक केंद्र” बताया और विश्वास जताया कि यह उत्तर प्रदेश की चिकित्सा सेवा में मील का पत्थर साबित होगा।