बिहार में PK की भूमिका बदली, मोदी-नीतीश पर क्या बोले?
आज सवाल है: क्या प्रचार कर रहे हैं प्रशांत किशोर… PM मोदी और नीतीश कुमार के लिए?” बहुत सारे बयानों के बाद, कुछ आपके मौजूदा बयान से उल्टा दिख रहा है—आइए समझें पूरा परिप्रेक्ष्य।प्रशांत किशोर ने पीएम मोदी, नीतीश कुमार और लालू यादव को वोट देने को लेकर कहा कि जनता ने उन्हें जिस काम को लेकर वोट दिया है वो काम हुआ है. अगर अयोध्या में मंदिर बनाने के लिए वोट दिया गया है तो मंदिर बन गया, चाहे बिहार के गांव की कोई भी स्थिति हो. यहां फैक्ट्री लगे या न लगे, लेकिन हमारे वोट की ताकत से मंदिर बन गया. साथ में मैं यह भी लोगों से पूछता कि उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई और रोजगार के लिए वोट दिया है तो उन्होंने कहा कि नहीं दिया है. जिस चीज के लिए वोट दिया गया वो मिल रहा है और जिसके लिए नहीं दिया वो नहीं मिल रहा है. वोट प्रशांत किशोर को दो, मोदी को दो, नीतीश को दो… लेकिन वोट अपने बच्चे की पढ़ाई और रोजगार के लिए दीजिए.
‘बिहार में 57 फीसदी लोग भूमिहीन’
पीके ने कहा कि बिहार में खेती का आलम ये है कि यहां तीस-पैंतीस साल से सामाजिक न्याय और सामाजवाद की राजनीति होने के बाद 57 फीसदी लोग भूमिहीन हैं, जबकि देश में 38 फीसदी लोग भूमिहीन हैं. यहां कभी भूमि सुधार लागू नहीं किया गया है. वहीं, जहां तक बिजनेस की बात है तो यहां 80 फीसदी लोगों की प्रति व्यक्ति आय रोजाना 100 रुपए से भी कम है. अब उसमें क्या ही बचाकर पूंजी जुटाई जा सकेगी और जिन लोगों क पास थोड़ा बहुत पैसा है उन्हें बैंक वाले लोन नहीं दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार मं जब तक शिक्षा, भूमि सुधार नहीं होगा और लोगों के हाथ में पैसा नहीं होगा तब तक राज्य की गरीबी दूर नहीं हो सकती है. हमारी पार्टी कह रही है कि इन तीन चीजों के लिए काम होना चाहिए और काम तब होगा जब लोग इन तीन चीजों के लिए वोट देंगे.