आपकी पसंदीदा डिश पर बड़ा हमला! समोसा-जलेबी को बताया जाएगा ‘हानिकारक’
क्या आप सोच सकते हैं कि आपके पसंदीदा समोसे और जलेबी को, जो हमारी शान हैं, उन्हें सिगरेट जितना हानिकारक बताया जा सकता है? जी हाँ, आपने बिल्कुल सही सुना! सरकार अब कुछ ऐसे कदम उठाने की तैयारी में है, जिससे पैकेटबंद समोसे और जलेबी जैसे स्ट्रीट फूड पर वैसी ही चेतावनी छप सकती है, जैसी सिगरेट के पैकेट पर दिखती है.दरअसल, सरकार फ्रंट ऑफ पैकेज लेबलिंग (FoPL) को लेकर एक नया ड्राफ्ट तैयार कर रही है. इसका मकसद है कि खाने-पीने के जिन पैकेटबंद प्रोडक्ट्स में हाई फैट (उच्च वसा), हाई शुगर (उच्च चीनी), या हाई साल्ट (उच्च नमक) होता है, उन पर ‘स्टार रेटिंग’ या ‘चेतावनी लेबल’ लगाया जाए. ये लेबल ग्राहकों को तुरंत यह बता देंगे कि यह प्रोडक्ट सेहत के लिए कितना अच्छा या बुरा है.सूत्रों के मुताबिक, भारत में तैयार किए जा रहे इस ड्राफ्ट में कुछ ऐसे लोकप्रिय स्ट्रीट फूड आइटम्स को भी शामिल करने की बात चल रही है, जिन्हें अब तक बिना किसी चेतावनी के बेचा जाता रहा है. इनमें मुख्य रूप से पैकेटबंद समोसे और जलेबी जैसे उत्पाद शामिल हैं.इसका मतलब ये है कि अगर किसी पैकेज्ड समोसे या जलेबी में तय सीमा से ज्यादा फैट, शुगर या साल्ट पाया जाता है, तो उसके पैकेट पर सामने की तरफ बड़ा सा चेतावनी लेबल चिपका होगा. यह ठीक वैसा ही हो सकता है, जैसा हम सिगरेट या तंबाकू उत्पादों पर देखते हैं, जहाँ लिखा होता है “धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.”
इस कदम का मुख्य उद्देश्य है जनता को जंक फूड और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों के सेवन से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करना. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी लंबे समय से भारत में इस तरह की चेतावनी लेबलिंग की वकालत कर रहा है, ताकि लोग स्वास्थ्यवर्धक विकल्प चुन सकें और गैर-संचारी रोगों (जैसे मधुमेह और हृदय रोग) के बढ़ते मामलों को नियंत्रित किया जा सके.तो दोस्तों, क्या आप इस कदम से सहमत हैं? क्या समोसे और जलेबी जैसे खाद्य पदार्थों पर ऐसी चेतावनी होनी चाहिए? आपकी इस पर क्या राय है?