“क्रेडिट कार्ड के सहारे जी रहे हैं मिडल क्लास? जानिए चौंकाने वाले आंकड़े!”
एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है हाल ही में जारी एक स्टडी में — जहां सामने आया है कि जिन लोगों की मासिक कमाई पचास हजार रुपये तक है, वे बड़ी संख्या में क्रेडिट कार्ड पर निर्भर होते जा रहे हैं।इस रिपोर्ट के मुताबिक, 50 हजार तक कमाने वाला आम मध्यमवर्गीय व्यक्ति महीने के आखिर तक अपना खर्च चलाने के लिए क्रेडिट कार्ड का सहारा ले रहा है।खासकर मेट्रो शहरों में रहने वाले युवाओं में यह ट्रेंड और भी ज्यादा देखा गया है।महंगाई बढ़ती जा रही है, जरूरतें भी कम नहीं हो रहीं। EMI, किराया, बच्चों की स्कूल फीस और बाकी घरेलू खर्च — इन सबसे जूझते हुए जब जेब ढीली हो जाती है, तो एकमात्र सहारा बनता है — क्रेडिट कार्ड।
कम आय, बड़े खर्चे.. क्रेडिट से पार हो रही नैया
पहले क्रेडिट कार्ड अमीरों की चीज़ समझा जाता था, जिसे लोग शौक या स्टेटस के लिए रखते थे. लेकिन अब ये बहुत लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. इतना कि इसके बिना महीने का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है. चाहे किराने की दुकान से सामान लेना हो, बिजली का बिल चुकाना हो या ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो, लोग क्रेडिट कार्ड को झट से स्वाइप कर देते हैं.
फिनटेक कंपनियां बदल रही हैं तस्वीर
इस स्टडी में फिनटेक कंपनियों की ताकत को भी जोर-शोर से दिखाया गया है. ये कंपनियां डिजिटल लेंडिंग के जरिए देश में एक नई क्रांति ला रही हैं. वित्त वर्ष 2023 में फिनटेक कंपनियों ने 92,000 करोड़ रुपये से ज्यादा पर्सनल लोन दिए, जो नए लोन का 76% हिस्सा है. ये आंकड़े साफ बताते हैं कि फिनटेक कंपनियां छोटे और जल्दी मिलने वाले लोन देकर लोगों की जरूरतों को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं.
फिनटेक सिर्फ लोन देने तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए लोन लेने का पूरा प्रोसेस भी आसान बना रही हैं. जहां पहले बैंक से लोन लेने के लिए बहुत सारी कागजी कार्रवाई करनी पड़ती थी, वहीं अब फिनटेक ऐप्स पर कुछ ही मिनटों में लोन मंजूर हो जाता है. इसी वजह से कम कमाई वाले लोग भी अब इन सेवाओं की तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे हैं.