इतिहास रचने वाली बेटी: दिव्या देशमुख का चेस वर्ल्ड कप धमाका
भारतीय खेल इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। शतरंज की दुनिया में एक ऐसा पल आया जिसने हर देशवासी का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया। सिर्फ 19 साल की उम्र में दिव्या देशमुख ने वो कर दिखाया, जिसका सपना करोड़ों आंखों ने देखा था।
वो अब शतरंज वर्ल्ड कप की चैंपियन बन चुकी हैं — और सबसे खास बात ये है कि ऐसा करने वाली वो भारत की पहली महिला बन गई हैं। इस शानदार जीत ने न सिर्फ खेल जगत को चौंकाया, बल्कि लाखों युवाओं को भी प्रेरित किया है।
प्रतियोगिता के दौरान दिव्या ने कई दिग्गज खिलाड़ियों को मात दी। हर मैच में उनका आत्मविश्वास और चालों की रणनीति देखना अपने-आप में एक क्लास था। ये जीत सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि पूरे देश की है।

इस सफर में उनके संयम, मेहनत और दिमागी मजबूती ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने साबित कर दिया कि उम्र महज़ एक नंबर है — असली ताक़त तो सोच और तैयारी में होती है।
आज देशभर में उनका नाम गर्व से लिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़ आ गई है। खेल मंत्रालय से लेकर आम जनता तक, हर कोई इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मना रहा है।
शतरंज की इस चैंपियन ने देश को नई पहचान दी है — और यकीन मानिए, यह तो सिर्फ शुरुआत है।