ट्रंप की एंट्री और विदेशी बिकवाली ने बाजार का किया सत्यानाश
शेयर बाजार में मचे इस भूचाल ने हर छोटे-बड़े निवेशक को हैरान कर दिया है। बीते तीन दिनों में जो हुआ, उसने ना सिर्फ सेंसेक्स और निफ्टी को नीचे धकेला, बल्कि निवेशकों की नींद भी उड़ा दी। आंकड़ों की मानें तो करीब 13 लाख करोड़ रुपये बाज़ार से साफ़ हो गए हैं।
इस भारी गिरावट के पीछे दो बड़े कारण सामने आए हैं। पहला — विदेशी निवेशकों का भरोसा हिलना, और दूसरा — अमेरिका की राजनीति में आया अचानक मोड़। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी हालिया घटनाओं ने ग्लोबल मार्केट में चिंता की लहर फैला दी है, जिसका असर सीधे भारतीय बाजार पर भी पड़ा।
निफ्टी में कितनी आई गिरावट
अगर बात नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख सूचकांक निफ्टी की बात करें तो लगातार तीसरे दिन 150 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ है. सोमवार को निफ्टी 156.10 अंकों की गिरावट के साथ बंद होकर 24,680.90 अंकों पर बंद हुआ. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 190.4 अंकों की गिरावट के साथ 24,646.6 अंकों के साथ दिन के लोअर लेवल पर आ गया. वैसे तीन दिनों में निफ्टी में 539 अंकों की गिरावट देखने को मिल चुकी है. बुधवार को निफ्टी 25,219.9 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ था. इसका मतलब है कि अब तक निफ्टी में 2.13 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है.

विदेशी फंड्स ने लगातार बिकवाली की है। इससे बाजार में एक तरह की घबराहट देखी गई, खासकर बैंकिंग, IT और मेटल सेक्टर्स में। निवेशकों का मूड इतना बिगड़ा कि कई ब्लूचिप स्टॉक्स तक धड़ाम हो गए।
इतनी बड़ी गिरावट ने रिटेल इन्वेस्टर्स को झटका दिया है, जिन्होंने हाल के महीनों में काफी पैसा लगाया था। ट्रेडिंग ऐप्स पर लॉगिन करते ही लोग अपने पोर्टफोलियो में लाल रंग देख रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल सतर्क रहना ही बेहतर है। बाजार में अनिश्चितता बनी रहेगी, खासकर जब तक विदेशी संकेत साफ नहीं हो जाते।
जो हुआ है वो एक चेतावनी भी है — बाजार सिर्फ आंकड़ों से नहीं, बल्कि भावनाओं और वैश्विक घटनाओं से भी चलता है।