ED की बड़ी कार्रवाई, अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ीं
देश के सबसे चर्चित उद्योगपतियों में से एक का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है।जिस शख्स ने सालों तक कारोबारी दुनिया में बड़ा नाम बनाया —
आज उन पर सवालों की एक लंबी लिस्ट तान दी गई है।प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने गुरुवार सुबह से लेकर देर शाम तक कई बड़े कदम उठाए।दिल्ली से लेकर मुंबई तक…और इससे भी आगे – 35 से ज्यादा ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की गई।इन ठिकानों पर दस्तावेज़ों की जांच जारी है।डिजिटल डाटा, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, मोबाइल फोन… सब कुछ खंगाला जा रहा है।सूत्रों के मुताबिक, पूरा मामला कथित आर्थिक अनियमितताओं से जुड़ा है,और इसमें कुछ कंपनियों की संदिग्ध फंडिंग पर भी निगाह डाली जा रही है।कभी देश की सबसे बड़ी बिजनेस आइकॉन में गिने जाने वाले इस नाम पर अब कई सवाल तैरने लगे हैं।ये सिर्फ एक जांच नहीं…बल्कि एक बड़ा संकेत है कि अब हर स्तर पर पारदर्शिता की माँग तेज़ हो चुकी है।ED की टीमें लगातार जुटी हुई हैं,और आने वाले दिनों में इससे भी बड़े खुलासों की उम्मीद जताई जा रही है।

RHFL में भी घोटाले के संकेत, SEBI की रिपोर्ट से खुलासा
सेबी ने भी इस मामले में RHFL (Reliance Home Finance Limited) को लेकर कई अहम जानकारी ED के साथ साझा की हैं. SEBI की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2017-18 में RHFL ने जहां 3,742.60 करोड़ रुपये के कॉरपोरेट लोन दिए थे, वहीं 2018-19 में यह रकम बढ़कर 8,670.80 करोड़ रुपये हो गई.
इस दौरान कंपनी ने लोन देने के सभी नियमों को नजरअंदाज किया. तेज़ी से अप्रूवल दिए गए, जरूरी दस्तावेज नहीं जुटाए गए और कई बार कंपनियों की आर्थिक स्थिति की जांच किए बिना भारी भरकम रकम ट्रांसफर कर दी गई. इन लोन का बड़ा हिस्सा बाद में प्रमोटर ग्रुप की कंपनियों में डायवर्ट किया गया, जिससे बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता हुई.क्या यह मामला और गहराएगा?
क्या नामचीन चेहरों की मुश्किलें और बढ़ेंगी?और क्या इससे देश की कॉर्पोरेट छवि पर असर पड़ेगा?इन सभी सवालों के जवाब अब धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं।