जो फैक्ट्री बिस्किट अच्छे बनाते हो, वो छाते भी अच्छे बना ले… ये जरूरी नहीं। डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद, जिन्होने बैंग-बैंग से लेकर वॉर, पठान और फाइटर्स तक कमाल की फिल्में बनाई हैं, वो प्रोड्यूसर बने हैं और दूसरे स्टोरी टेलर्स को मौका दे रहे हैं कि वो मार्फ्लिक्स के बैनर तले फिल्में बनाएं। फाइटर्स के बाद ज्वैल थीफ इस मार्फ्लिक्स के प्रोडक्शन्स की दूसरी फिल्म है। और ये मार्फ्लिक्स का मुकद्दर ही है कि पहली फिल्म फाइटर्स अच्छी बनकर भी चली नहीं, दूसरी फिल्म ज्वैल थीफ ठीक से नहीं बनी।

वेब सीरीज ज्वैल थीफ की कहानी थोड़ी-थोड़ी बॉलीवुड फिल्म धूम सीरीज की तरह लिखी गई है। एक शातिर चोर है, जो फिल्म का हीरो है… उस चोर के पीछे एक काबिल पुलिस वाला पड़ा है, जो पूरी कोशिश करता है, लेकिन उस तक पहुंच नहीं पाता। । चोर के पापा चैरिटी करते हैं, ईमानदार हैं और अपने बेटे की चोरियों से नफरत करते हैं। उस चोर को दुनिया का सबसे महंगा डायमंड रेड सन चोरी करने के लिए बड़ा क्रिमिनल मजबूर करता है। अपने पापा को क्रिमिनल के फेर से निकालने के लिए चोर, रेड सन को चोरी करने को तो तैयार हो जाता है, लेकिन क्रिमिनल की बीवी से उसे प्यार हो जाता है। क्योंकि वो डैमशेल इन डिस्ट्रेट है, तो चोर ऐसा प्लान बनाता है कि क्रिमिनल मारा जाए। क्रिमिनल की बीवी और रेड डायमंड के साथ पुलिस वाले की आंखों में धूल झोंककर भाग सके।