Overthinking की आदत को कैसे छोड़ें? ये 5 टिप्स अपनाएं
क्या आप भी हर बात को लेकर इतना सोचते हैं कि दिमाग थक जाता है? हर छोटी बात को बार-बार सोचकर… खुद को ही परेशान करना, यही तो है ओवरथिंकिंग! अगर हाँ… तो आप अकेले नहीं हैं।
लेकिन चिंता मत कीजिए, आज मैं आपको बताने वाला हूँ 5 आसान तरीके, जिनसे आप ओवरथिंकिंग पर कंट्रोल पा सकते हैं।भूतकाल गया, भविष्य अभी आया नहीं।
अगर हम हर समय “क्या होगा” और “क्यों हुआ” सोचते रहेंगे… तो “क्या है” को कभी नहीं जी पाएंगे।सोचना ज़रूरी है, लेकिन उससे भी ज़रूरी है – कुछ करना।
जब आप किसी चीज़ को लेकर बहुत सोच रहे हों, तो खुद से पूछिए – “क्या मैं इसके लिए कुछ कर सकता हूँ?”
अगर हाँ – तो करिए। अगर नहीं – तो छोड़ दीजिए।जब दिमाग में बाढ़ आ जाए विचारों की, तो उन्हें बाहर निकालिए – एक डायरी में।
लिखने से दिमाग हल्का होता है… और सोच भी क्लियर।सोशल मीडिया पर हर वक्त रहना भी ओवरथिंकिंग को बढ़ाता है।
हर स्टोरी, हर पोस्ट को लेकर सोचते रहना… इससे अच्छा है थोड़ी देर फोन से दूरी बनाएं।

अगर ओवरथिंकिंग आपकी नींद, काम और रिश्तों को प्रभावित कर रही है… तो किसी थेरेपिस्ट से बात करना एक बहादुरी है, कमजोरी नहीं।याद रखिए, सोचिए ज़रूर – लेकिन इतना नहीं कि सोचना ही सब कुछ बन जाए।अगर ये टिप्स आपको पसंद आए तो लाइक करें, और किसी ऐसे इंसान के साथ शेयर करें जो ज़रूरत से ज़्यादा सोचता है।