बारिश के मौसम में आंखें क्यों जल्दी खराब होती हैं?
बारिश जब बरसती है, तो सुकून भी देती है… और सावधानी की ज़रूरत भी।क्योंकि इस मौसम में सिर्फ़ भीगने का ही नहीं,संक्रमण का भी खतरा सबसे ज़्यादा होता है — खासकर आपकी आंखों को।कभी-कभी थोड़ी सी लापरवाहीबड़ी परेशानी में बदल जाती है।जैसे गंदा पानी चेहरे पर आना,या दूसरों की तौलिया या रुमाल इस्तेमाल कर लेना —ये छोटी आदतें आंखों के लिए भारी पड़ सकती हैं।इस मौसम में आई इन्फेक्शन के मामले अचानक बढ़ जाते हैं।कंजक्टिवाइटिस, एलर्जी, और ड्राईनेस –ये तीन नाम शायद आम लगें,पर समय पर ध्यान न देने पर परेशानी बढ़ सकती है।

अब ज़रूरत है थोड़ी समझदारी की:
– आंखों को बार-बार हाथ न लगाएं
– गीले रुमाल या गंदे कपड़े बिल्कुल न इस्तेमाल करें
– कॉन्टैक्ट लेंस यूज़ करने से पहले हाथ जरूर धोएं
– और अगर लालिमा, जलन या चुभन हो रही है,
तो खुद से इलाज न करें – तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें।
कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले लोग हमेशा उन्हें डिसइंफेक्ट करें और पुराने आई मेकअप का इस्तेमाल न करें. जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से एंटीबैक्टीरियल ड्रॉप्स का उपयोग करें.मॉनसून में बैक्टीरिया के फैलने का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए आंखों की सफाई पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. हमेशा अपना तौलिया रोजाना धोकर सुखाएं, क्योंकि गंदे और गीले कपड़े बैक्टीरिया के लिए आदर्श जगह बन जाते हैं.दिन में कम से कम दो बार आंखों को साफ पानी से धोएं. सुबह और रात को ठंडे पानी से आंख धोना आदत बनाएं. अगर आप बाहर से लौटे हैं या धूल-मिट्टी में रहे हैं, तो तुरंत आंखें धो लें ताकि गंदगी और बैक्टीरिया जमा न हों.
आंखें हैं, तो नज़ारे हैं।इसलिए थोड़ा सा ध्यान… और बहुत सारी राहत।