सेहत का सच्चा साथी – पोहा या उपमा
अब सवाल ये उठता है —जब आपके सामने पोहा और उपमा, दोनों रखे हों…तो कौन-सा चुनें?देखने में दोनों टेस्टी हैं,
सुनने में दोनों हेल्दी…लेकिन फर्क आता है उस बात में जो नज़र से नहीं, असर से समझ आती है।
पोहा यानी फ्लैटन राइस – हल्का, जल्दी बन जाने वाला,और पेट को फुल रखने वाला।फाइबर में ठीक-ठाक, आयरन भी थोड़ा-बहुत,और कैलोरीज़? एक कटोरी में लगभग 180 से 220. अब आते हैं उपमा पर —सूजी से बनने वाला ये नाश्ता भी कम नहीं।अगर ढंग से बनाया जाए, तो इसमें भी फाइबर, प्रोटीन, और कम फैट होता है।
कैलोरीज़? 150 से 200 के बीच, यानी थोड़ा कम।तो क्या उपमा जीत गया?
ज़रा रुकिए!असल फर्क तब आता है जब बात होती है पोषण और पाचन की।पोहा जल्दी पचता है, डायजेस्टिव सिस्टम को लोड नहीं देता।लेकिन उपमा में अगर घी या तेल ज़्यादा पड़ गया,तो बात बिगड़ सकती है।

पोहा का नाश्ता करने के फायदे
पोहा लाइट और न्यूट्रिशन से भरपूर नाश्ता है. इसमें अच्छी मात्रा में आयरन पाया जाता है जो खून की कमी को दूर करने में मदद करता है. इसके अलावा पोहा फाइबर से भी भरपूर होता है, जिससे पाचन तो बेहतर होता ही है साथ ही कब्ज और पेट से जुड़ी कई समस्याओं से राहत दिलाता है. वजन कंट्रोल करने वालों के लिए भी पोहा एक हेल्दी ऑप्शन है. क्योंकि इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और भूख भी कंट्रोल होती है. वहीं, अगर पोहा में आप कुछ सब्जियों को डाल देते हैं तो यह प्रोटीन, विटामिन और हेल्दी फैट्स का भी स्त्रोत बन जाता है.
उपमा भी देता है ये बेनिफिट्स
उपमा को सूजी से बनाया जाता है, जिसकी वजह से ये एक हल्का और आसानी से पचने वाला नाश्ता है. उपमा में भी कार्बोहाइड्रेट होता है, जो शरीर को एनर्जी देने और पेट को लंबा समय तक भरा रखने में मदद करता है. इसमें प्रोटीन की मात्रा भी ठीक होती है, खासकर जब इसे चना दाल, उड़द दाल, मूंगफली या सूखे मेवों के साथ पकाया जाए. उपमा में अगर सब्जियों जैसे गाजर, मटर, टमाटर, बीन्स आदि का इस्तेमाल किया जाए, तो यह विटामिन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर बन जाता है.
तो सीधे-सपाट जवाब नहीं है।अगर आपको हल्का और झटपट कुछ चाहिए — पोहा बेस्ट है।अगर प्रोटीन चाहिए और कम कैलोरीज़ में भरावन चाहिए — उपमा ट्राय करें।
और हाँ, दोनों के बीच फाइनल मैच आपका किचन और आपकी रेसिपी तय करती है.