महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अलग होते हैं ,जानिए कैसे करें बचाव
कांटा लगा’ फेम एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला के निधन की खबर ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। बताया जा रहा है कि उनका निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ। इस दुखद खबर के साथ ही एक अहम सवाल एक बार फिर उठ रहा है — आखिर क्यों बढ़ रहा है महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा?आपको बता दें कि कार्डियक अरेस्ट के मामलों में शेफाली का नाम अकेला नहीं है, हाल ही के दिनों में कई सेलिब्रिटी का दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई है. कई मामलों में लोग अचानक चलते-फिरते, नाचते, जिम करते हुए कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में सवाल उठना सही है कि आखिर इस मर्ज की दवा भला क्या है.
शेफाली की मौत ने टीवी, फिल्म इंडस्ट्री और आम जनमानस में सनसनी फैला दी कि आखिर शेफाली की अचानक से मौत कैसे हो गई. ये हैरानी इसलिए क्योंकि शेफाली को उसकी फिटनेस के लिए भी लोग पहचानते थे. फिर उनको दिल का दौरा कैसे पड़ा. क्योंकि जो इंसान अपनी सेहत का ख्याल रखता हो उसको अगर ये दिक्कत है तो आम जनमानस के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है जो सेहत के प्रति लापरवाही बरतते हैं.
महिलाओं में हार्ट अटैक के पीछे की वजहें
हल सार दिल की बीमारी से होने वाली मौतों में 3 में से 1 मौत महिला की होती है. महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण और कारण पुरुषों से कई बार अलग होते हैं. कई रिसर्च और डॉक्टरों का मानना है कि महिलाओं में हार्ट अटैक की संभावना हार्मोनल बदलाव, तनाव, और अनदेखी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते बढ़ती है. हार्ट अटैक के लक्षण जो महिलाएं अक्सर नजरअंदाज कर देती हैं. महिलाओं को कई बार लगता है कि उनकी दर्द सहने की क्षमता पुरूशों से अधिक होती है, इसलिए महिलाएं शुरुआती बीमारी के लक्षणों को इग्नोर कि देती हैं जो आगे चलकर बड़ी मुसिबत बन सकती है.
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों जैसे क्लासिक सीने में दर्द से अलग हो सकते हैं. इसके बजाय,उन्हें निम्न लक्षण हो सकते हैं:
अत्यधिक थकावट
सांस लेने में परेशानी
पीठ,जबड़े,या गर्दन में दर्द
उल्टी जैसा महसूस होना
ठंडा पसीना आना
कार्डियक अरेस्ट क्या होता है?
जब अचानक किसी का दिलपूरी तरह से धड़कना बंद कर दे,तो उसेकार्डियक अरेस्टकहते हैं.यह कोई सामान्य हार्ट अटैक नहीं है. इसमेंदिल का इलेक्ट्रिकल सिस्टमफेल हो जाता है यानी दिल की धड़कन पूरी तरहरुक जाती है. व्यक्तिअचानक बेहोश हो जाता है.कुछ ही मिनटों मेंसांस बंद हो जाती हैऔर अगर तत्कालCPRया मेडिकल सहायता न मिलेतोजान बचाना मुश्किल हो जाता है.
महिलाओं में हार्ट अटैक बड़ी समस्या
कार्डिलॉजिस्ट डॉ. आशीष अग्रवाल ने बताया कि भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में महिलाओं में हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं.डॉ. अग्रवाल ने यदलकहा कि हृदय संबंधी रोग (कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़) न केवल शेफाली, बल्कि अनगिनत अन्य महिलाओं के लिए भी मृत्यु का प्रमुख कारण बने हुए हैं। दुर्भाग्यवश, अब ये रोग महिलाओं में मृत्यु के प्रमुख कारणों में शामिल हो चुके हैं, जिनमें हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट जैसे रोग स्तन कैंसर की तुलना में 10 गुना अधिक महिलाओं की जान लेते हैं. 2020 के एक शोध के अनुसार, जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) का विश्लेषण करता है, भारत की 15 से 49 वर्ष की 18.69% महिलाएं अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) से पीड़ित हैं।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसे जोखिम कारकों की समय रहते जांच और प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है. नियमित हृदय संबंधी जांच और रोकथाम से जुड़ी पहल से जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है. शेफाली का अचानक निधन इस बात की कठोर याद दिलाता है कि महिलाओं में हृदय रोग कितने चुपचाप और तेज़ी से असर डाल सकते हैं .यहां तक कि उन महिलाओं में भी, जो ऊपर से पूरी तरह स्वस्थ दिखाई देती हैं.
कोविड के बाद युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़े
अपोलो अस्पताल में कार्डिलॉजिस्ट डॉ. वरुण बंसल कहते हैं कि कोविड महामारी के बाद50साल से कम उम्र के लोगों मेंहार्ट अटैक का खतरा पहले से ज्यादाबढ़ गया है. जहां महामारी के दौरान यह जोखिम11%था,वहीं अब यह बढ़कर13%तक पहुंच गया है.स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार,यह बदलाव केवल कोविड के असर की वजह से नहीं है,बल्कि पिछले20वर्षों से युवाओं मेंडायबिटीज,हाई ब्लड प्रेशर,तनाव,और वायु प्रदूषणजैसे कारण भी इसका बड़ा हिस्सा हैं.
महिलाएं क्या करें ताकि दिल रहे स्वस्थ?
तनाव कम करें मेडिटेशन, योग और परिवार के साथ समय बिताना मददगार हो सकता है
स्वस्थ खानपान अपनाएं ताजे फल, सब्ज़ियाँ, कम तेल-नमक वाला खाना
नियमित व्यायाम करें हर दिन कम से कम 30 मिनट वॉक या हल्की एक्सरसाइज़
तंबाकू और शराब से दूरी बनाएं
हर 6 महीने में हेल्थ चेकअप कराएं
हार्ट से जुड़ी कोई भी शिकायत हो तो डॉक्टर से तुरंतसंपर्ककरें