स्विट्ज़रलैंड का रहस्य – सूरज डूबे तो भी उजाला क्यों रहता है?
सोचिए एक ऐसी जगह जहाँ सूरज डूबता है… रात 9 बजे! जी हां, हम बात कर रहे हैं स्विट्ज़रलैंड की उस जन्नत जैसी जगह की, जिसका हर नज़ारा किसी सपने जैसा लगता है।”यहाँ गर्मियों में सूरज डूबता है करीब 9 बजे के बाद। यानी अगर आप सूर्यास्त के दीवाने हैं, तो इससे बेहतर जगह शायद ही कोई हो।”
ज्यूरिख एयरपोर्ट से मेनजिकन की दूरी तकरीबन 65 किलोमीटर हैं. रास्तों में दोनों किनारों पर जहां तक निगाहें देख सकें, वहां सिर्फ और सिर्फ हरियाली दिखाई देती है. कहीं मैदानी इलाका, तो कहीं ढलान पर तैयार किए खेतों का सिलसिला है. गेहूं और मक्के की फसलें तैयार हैं. पीछे सघन पेड़ों की कतारें दिखाई देते हैं.
शांत वातावरण
सैलानियों के लिए यह एक काफी लोकप्रिय जगह हैं. लंबी कतारों के बाद भी ज्यूरिख एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन के काम में तेज निपटारे की व्यवस्था शानदार है. एयरपोर्ट से मंजिल तक पहुंचने के लिए मेट्रो की सहूलियत सुकून देने वाली है. यहां कोई जाम देखने को नहीं मिलता है. इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल ठहरने या आगे बढ़ने के संकेत के लिए काफी हैं. सड़कों पर वाहन अपनी लेन में चल रहे हैं. ओवरटेकिंग की शायद जरूरत भी नहीं है. यहां कोई जल्दबाजी में नजर नहीं आता. सड़कें खाली होती हैं.
चारों तरफ हरियाली
शोर और भीड़-भाड़ से दूर यह जगहें बहुत ही सुंदर और शांत है. गेट या किसी मोड़ पर खड़े लोग एक दूसरे से बात करते हुए नहीं नजर आती हैं. सैलानियों को प्रकृति का भरपूर सुख और आनंद मिले, इसका उन्हें पूरा ख्याल है. चारों तरफ हरियाली से घिरी ये जगहें जन्नत से कम नहीं है. स्विट्जरलैंड पहुंचने वाले सैलानियों के लिए यह जगह एकदम परफेक्ट है. जहां शांति और चारों तरफ हरियाली का वातावरण मिलेगा.
प्रकृति के दोहन में यहां के निवासियों ने अपनी जरूरतों को सीमाओं में बांधा है. सरकार और निकायों की इसमें भूमिका है. लेकिन व्यवस्था की सफलता उसे मानने वालों पर निर्भर करती है. यहां के नागरिक सजग हैं. उन्हें अपनी अनमोल जगह से अटूट प्रेम है. पता है कि दुनिया के तमाम देशों के सैलानियों को कौन सा आकर्षण स्विट्जरलैंड की ओर खींच लाता है.
पहाड़ों को काटकर औरझीलों को सूखा जो जमीन तैयार हुई उसमें यहां के निवासियों ने अपने बसेरे के लिए कुछ ही हिस्से को काफी माना. बड़ा हिस्सा उस हरियाली के लिए छोड़ा जो उन्हें जीवन और स्विट्जरलैंड को अलग पहचान देता है. उसके भी पीछे आल्प्स पर्वत श्रृंखला है. जिसके लिए स्विट्जरलैंड को जाना जाता है.