प्रेग्नेंसी में पीठ दर्द क्यों होता है? जानिए कारण और आसान उपाय
गर्भावस्था एक सुंदर लेकिन शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण यात्रा होती है। इस दौरान महिलाओं को कई बदलावों का सामना करना पड़ता है, जिनमें सबसे आम शिकायत होती है — पीठ दर्द।
शरीर जैसे-जैसे एक नए जीवन को स्थान देने लगता है, वैसे-वैसे उसका संतुलन और मुद्रा (posture) भी बदलती है। गर्भाशय का आकार बढ़ने के साथ कमर के निचले हिस्से पर दबाव बढ़ता है, जिससे पीठ की मांसपेशियां तनाव में आ जाती हैं।
इसके अलावा हार्मोनल बदलाव भी इस दर्द को बढ़ाने में भूमिका निभाते हैं। शरीर में एक विशेष हार्मोन रिलीज़ होता है जो लिगामेंट्स को ढीला करता है, ताकि प्रसव के समय शरीर लचीला हो सके। लेकिन यह लचीलापन कभी-कभी रीढ़ की हड्डी को कम सपोर्ट मिलने का कारण बन जाता है।

कुछ महिलाओं को यह दर्द गर्भावस्था के शुरूआती महीनों में ही होने लगता है, जबकि कुछ को यह आखिरी तिमाही में ज्यादा महसूस होता है। खासकर जब लंबी देर तक खड़ा रहना, झुककर काम करना या भारी सामान उठाना शामिल हो — तब दर्द और बढ़ सकता है।
लेकिन राहत संभव है। नियमित हल्की एक्सरसाइज़, जैसे प्रेग्नेंसी योग या वॉकिंग, काफी मददगार होती है। आरामदायक कुर्सी का इस्तेमाल, सही पोस्चर में बैठना, नींद के दौरान तकिया का सहारा लेना और डॉक्टर की सलाह से हल्का स्ट्रेचिंग करना फायदेमंद साबित होता है।
साथ ही, अगर दर्द असहनीय हो या लगातार बढ़ रहा हो, तो विशेषज्ञ से संपर्क करना ज़रूरी है। गर्भावस्था में हर बदलाव सामान्य नहीं होता, इसलिए सतर्क रहना और समय पर देखभाल लेना ज़रूरी होता है।
गर्भावस्था भले ही एक बदलावों भरा सफर हो, लेकिन सही जानकारी और सजगता से इसे आरामदायक और सुखद बनाया जा सकता है।