प्रेग्नेंसी में टिटनेस वैक्सीन कब और क्यों लगती है? पूरी जानकारी
गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर कई जरूरी टेस्ट और वैक्सीन सजेस्ट करते हैं — उनमें से एक है टिटनेस का इंजेक्शन।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि प्रेग्नेंसी में टिटनेस का टीका क्यों इतना जरूरी होता है? और अगर इसे नहीं लगवाया जाए तो क्या खतरे हो सकते हैं? आइए जानते हैं इस वीडियो में.टिटनेस एक गंभीर और जानलेवा बीमारी होती है, जो क्लॉस्ट्रीडियम टिटनी नाम के बैक्टीरिया की वजह से होती है. यह बैक्टीरिया आमतौर पर मिट्टी, धूल या जंग लगे लोहे में पाया जाता है. जब यह बैक्टीरिया शरीर में किसी घाव या चोट के जरिए पहुंचता है, तो इसके जहर की वजह से मांसपेशियों में तेज ऐंठन, जकड़न और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. टिटनेस का इंफेक्शन मां और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बेहद खतरनाक होता है.
प्रेग्नेंसी में क्यों जरूरी होता है टिटनेस का इंजेक्शन?
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में गायनेकोलॉजी विभाग में डॉ सलोनी चड्ढा बताती हैं कि प्रेग्नेंट महिला को टिटनेस का टीका लगवाने से उनके शरीर में एंटीबॉडी बनती हैं, जो मां और गर्भ में पल रहे शिशु को टिटनेस से सुरक्षा देती हैं. डिलिवरी के दौरान या नाल काटते समय अगर साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए, तो नवजात बच्चे को टिटनेस का इंफेक्शन हो सकता है. ऐसे में अगर मां को टिटनेस का टीका लगा है, तो नवजात को टिटनेस का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.
टिटनेस का टीका न लगवाने के नुकसान क्या हैं
डॉ सलोनी के मुताबिक, टिटनेस का टीका नहीं लगवाने पर डिलिवरी के दौरान मां या नवजात बच्चे को टिटनेस के इंफेक्शन का खतरा हो सकता है, ये जानलेवा भी हो सकता है. प्रेग्नेंसी के दौरान टिटनेस का टीका नहीं लगवाने पर नवजात को नियोनेटल टिटनेस होने की भी आशंका रहती है. ये बेहद गंभीर स्थिति होती है, इसमें बच्चे की मांसपेशियों में जकड़न, सांस लेने में दिक्कत और मौत भी हो सकती है. डिलिवरी के दौरान खुले हुए घाव, नाल काटने के दौरान या साफ-सफाई की कमी की वजह से इंफेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
टिटनेस के टीके के अन्य फायदे
कई बार टिटनेस के टीके के साथ ही डिप्थीरिया और काली खांसी का टीका भी दिया जाता है, जिससे मां और बच्चे को इन बीमारियों से भी सुरक्षा मिलती है. टिटनेस का टीका लगवाने से मां की इम्यूनिटी मजबूत होती है, जिससे दूसरे संक्रमणों से भी बचाव होता है.