हवाई हमलों के बीच पश्चिम एशिया में बढ़ा तनाव, जी-7 देशों ने बयान जारी कर कहा – इस्राइल के साथ हैं
नई दिल्ली। पश्चिम एशिया में ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच जी-7 देशों ने इस्राइल का खुला समर्थन किया है। सोमवार देर रात जारी आधिकारिक बयान में ईरान को क्षेत्रीय अस्थिरता की जड़ बताया गया और इस्राइल की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई।
जी-7 समूह (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, कनाडा और जापान) ने अपने बयान में कहा है कि ईरान की गतिविधियां क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में सबसे बड़ी बाधा हैं। यह बयान ऐसे समय आया है जब ईरान और इस्राइल के बीच बीते शुक्रवार से हवाई टकराव तेज हो गया है।
ईरान-इस्राइल के बीच बढ़ता तनाव
पिछले शुक्रवार को इस्राइल द्वारा किए गए हवाई हमले के बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई की। ईरान ने इस्राइल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया, जिससे इलाके में तनाव और वैश्विक चिंता दोनों बढ़ गई हैं। यह विवाद अक्टूबर 2023 में गाजा पर इस्राइली सैन्य कार्रवाई के बाद से लगातार गहराता जा रहा है।
बयान में क्या कहा गया?
जी-7 नेताओं ने कहा, “हम इस्राइल की सुरक्षा और क्षेत्रीय शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ईरान की उकसावे वाली गतिविधियों की निंदा करते हैं जो पश्चिम एशिया में तनाव को बढ़ा रही हैं।” इस बयान का उद्देश्य न केवल इस्राइल के प्रति समर्थन जताना है, बल्कि यह संकेत देना भी है कि पश्चिमी देश ईरान के परमाणु और सैन्य इरादों को लेकर गंभीर हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि जी-7 का यह संयुक्त बयान इस्राइल को रणनीतिक समर्थन देने और ईरान पर दबाव बनाने की एक बड़ी कूटनीतिक चाल है। इससे अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की नीति और भी स्पष्ट हो गई है।
ईरान और इस्राइल के बीच तनाव अब केवल दोनों देशों का मामला नहीं रह गया है, बल्कि इसमें वैश्विक शक्तियां भी सक्रिय हो चुकी हैं। जी-7 देशों का यह बयान आने वाले दिनों में पश्चिम एशिया की भू-राजनीतिक दिशा को बदल सकता है।