अमेरिका का नया एयर डिफेंस कवच, जानिए इसका मकसद और जरूरत
नई दिल्ली
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बड़ी सैन्य योजना की घोषणा की है, जिसे ‘गोल्डन डोम मिसाइल डिफेंस शील्ड’ नाम दिया गया है। यह प्रणाली इस्राइल के अत्याधुनिक ‘आयरन डोम’ की तर्ज पर बनाई जाएगी, लेकिन इससे कहीं ज्यादा शक्तिशाली और व्यापक होगी। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अब ऐसे रक्षा कवच की ओर बढ़ रहा है, जो देश को हाइपरसोनिक मिसाइल, ड्रोन और अन्य आधुनिक हवाई खतरों से बचा सके।
गोल्डन डोम एक अंतरिक्ष आधारित और ज़मीन से नियंत्रित एकीकृत मिसाइल डिफेंस सिस्टम होगा, जिसमें रडार, कमांड पोस्ट और लॉन्चर सिस्टम शामिल होंगे। यह प्रणाली अमेरिकी सीमाओं के आसपास किसी भी तरह के हवाई खतरे को शुरुआत में ही पहचानकर उसे नष्ट कर देगी।
इस सिस्टम में:
- रडार: हवा में खतरे की पहचान और ट्रैकिंग।
- कमांड पोस्ट: खतरे का आकलन और निर्णय लेना कि किस मिसाइल से प्रतिक्रिया दी जाए।
- लॉन्चर: इंटरसेप्टर मिसाइल दागना जो लक्ष्य को हवा में ही नष्ट कर दे।
लॉन्चर दो तरह के होंगे — स्टेश्नरी और मोबाइल, जिन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में तैनात किया जा सकेगा।
गोल्डन डोम की लागत और रणनीतिक दृष्टि
व्हाइट हाउस के मुताबिक, इस डिफेंस शील्ड की लागत करीब 175 बिलियन डॉलर यानी लगभग 14.5 लाख करोड़ रुपये होगी। ट्रंप ने इसे एक ऐतिहासिक रक्षा कदम बताया है, जो अमेरिका को भविष्य के हवाई खतरों से सुरक्षित बनाएगा। उन्होंने कहा कि यह विचार सबसे पहले अमेरिका के 40वें राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के समय आया था, लेकिन उस समय तकनीक उपलब्ध नहीं थी।
अमेरिका को क्यों पड़ी इस डिफेंस शील्ड की जरूरत?
अमेरिका के पास पहले से पैट्रियट मिसाइल सिस्टम, THAAD, और अन्य डिफेंस टेक्नोलॉजी मौजूद हैं। लेकिन ये सभी व्यवस्थाएं काफी बिखरी हुई हैं और पूरे अमेरिकी क्षेत्र को एक साथ कवर नहीं करतीं।
विशेषज्ञों के अनुसार:
- अमेरिका के कुछ क्षेत्र ब्लाइंड स्पॉट हैं।
- आधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइलें और ड्रोन स्वार्म अटैक जैसे खतरे तेजी से बढ़ रहे हैं।
- मौजूदा सिस्टम एक साथ बड़े पैमाने पर हमलों का जवाब देने में सक्षम नहीं।
इसलिए जरूरत है एक सेंट्रलाइज्ड और एकीकृत डिफेंस सिस्टम की — जो गोल्डन डोम के रूप में तैयार किया जाएगा।
अमेरिका की योजना है कि शुरुआत में मौजूदा डिफेंस सिस्टम (जैसे पैट्रियट और THAAD) को एकीकृत किया जाएगा। बाद में इसमें नई मिसाइलें, फ्लेयर्स और हाई-स्पीड इंटरसेप्टर्स जोड़े जाएंगे।
अमेरिका की डिफेंस नीति में बड़ा बदलाव
गोल्डन डोम न केवल तकनीकी दृष्टि से एक उन्नति है, बल्कि यह अमेरिका की सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव भी दर्शाता है। जहां इस्राइल ने छोटे क्षेत्र में आयरन डोम से मिसाइल हमलों को बेअसर किया, वहीं अमेरिका अब अपनी वैश्विक मौजूदगी को इस डिफेंस सिस्टम से और मज़बूत करने जा रहा है।