ट्रंप का ‘100% टैरिफ’ बम! भारत-चीन निशाने पर
आज हम वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था से जुड़ी एक ऐसी बड़ी खबर पर बात करने वाले हैं, जिसने भारत और चीन जैसे देशों की चिंता बढ़ा दी है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन सहित उन देशों को ‘सेकेंडरी टैरिफ’ लगाने की धमकी दी है, जो रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं.जी हाँ, ट्रंप ने साफ कहा है कि अगर अगले 50 दिनों के भीतर रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता नहीं होता, तो वह रूस से सामान, खासकर तेल, खरीदने वाले देशों पर 100% तक सेकेंडरी टैरिफ लगा देंगे। नाटो (NATO) के प्रमुख मार्क रुटे ने भी इसी तरह की चेतावनी दोहराते हुए भारत, चीन और ब्राजील से रूस पर शांति वार्ता के लिए दबाव डालने का आग्रह किया है।
सबसे पहले समझते हैं कि ‘सेकेंडरी टैरिफ’ क्या होता है। सेकेंडरी टैरिफ का मतलब है कि अमेरिका उन देशों पर अतिरिक्त आयात शुल्क लगाएगा, जो किसी ऐसे देश (जैसे रूस) के साथ व्यापार कर रहे हैं जिस पर अमेरिका ने खुद प्रतिबंध लगाए हैं। इसका सीधा मकसद रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग करना और उसकी युद्ध करने की क्षमता को कमजोर करना है। ट्रंप का यह कदम रूस पर दबाव बढ़ाने और युद्ध को जल्द खत्म करने के उद्देश्य से उठाया गया है।अमेरिका पहले भी ऐसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा चुका है, जो ईरान और रूस के साथ आर्थिक गतिविधियों में शामिल है. लेकिन अब ट्रंप ने सीधे तौर से ऐसे देशों पर ही टैरिफ लगाने की बात कही है, जिसके बाद भारत-चीन आदि के लिए अमेरिका मे निर्यात काफी महंगा हो जाएगा और अर्थव्यवस्था को झटका लग सकता है.
अमेरिका ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, फिर भी रूस अपने अर्थव्यवस्था चलाने में और इसके विकास-विस्तार करने में कामयाब रहा है. रूस ने चीन, उत्तर कोरिया और ईरान के साथ मिलकर एक ऐसा नेक्सस तैयार किया है, जो डॉलर को बाईपास कर बार्टर सिस्टम के तहत ही एक दूसरे को माल दे रहे हैं. साथ ही रूस ने इस कड़ी में उन देशों के भी जोड़ा, जिनके अमेरिका से भी अच्छे संबंध हैं.
भारत, तुर्की, पाकिस्तान, ब्राजील जैसे देशों ने अमेरिका से अच्छे रिश्ते रखते हुए, यूक्रेन युद्ध के बाद रूस के साथ अपना व्यापार बढ़ाया है. इसकी वजह रूस से सस्ती कीमत पर सामानों का मिलना है. इन्हीं देशों के वजह रूस की अर्थव्यवस्था कड़े सैंक्शनों के बाद भी सर्वाइव करती रही है और अब ट्रंप इन देशों पर सैंक्शन लगाने की धमकी दे रहे हैं. ये तो समय बताएगा इसका कितना असर पड़ेगा, लेकिन ये साफ है कि यूक्रेन रूस युद्ध की आंच अब दूसरे देशों तक भी आने लगी है.