मध्य पूर्व में बढ़ा तनाव, वेस्ट एशिया में जंग जैसे हालात; अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की नजरें टिकीं
तेल अवीव/तेहरान:
मध्य पूर्व में एक बार फिर युद्ध जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं। शनिवार को ईरान ने इज़राइल के एक संवेदनशील न्यूक्लियर साइट को निशाना बनाते हुए एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला इज़राइल के रक्षा तंत्र ने रोक लिया, लेकिन इस घटनाक्रम के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।
ईरान ने दावा किया है कि यह मिसाइल हमला उनके वैज्ञानिक ठिकानों पर हुए कथित इज़राइली ड्रोन हमले के जवाब में किया गया है। इज़राइल की ओर से भी सैन्य कार्रवाई की तैयारी तेज़ कर दी गई है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि “इज़राइल अपनी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा और हर हमले का मुँहतोड़ जवाब देगा।”
क्या बढ़ेगा तीसरे विश्व युद्ध का खतरा?
विशेषज्ञ मानते हैं कि ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ती तनातनी वेस्ट एशिया को युद्ध की आग में झोंक सकती है। खास बात यह है कि यह तनाव ऐसे समय में आया है जब रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन-ताइवान विवाद पहले से ही दुनिया को अस्थिर कर रहे हैं। ऐसे में तीसरे विश्व युद्ध की आशंका एक बार फिर तेज़ हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इस ताज़ा घटनाक्रम पर चिंता जताई है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका ने अपने नौसैनिक बेड़े को वेस्ट एशिया की ओर रवाना कर दिया है।
क्या कहता है विश्लेषण?
इस हमले से यह साफ है कि इज़राइल और ईरान अब किसी भी समय सीधे युद्ध में उतर सकते हैं। यदि ऐसा हुआ, तो इसका असर न सिर्फ वेस्ट एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा आर्थिक, सामाजिक और सामरिक रूप से।