जी-7 सम्मेलन के बाद मोदी-ट्रंप के बीच हुई 35 मिनट की बातचीत, ‘ऑपरेशन सिंदूर’, आतंकवाद और द्विपक्षीय संबंधों पर हुई चर्चा।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात कर भारत की कूटनीतिक स्थिति को एक बार फिर मजबूती से रखा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम के दौरान न तो कभी किसी मध्यस्थता को स्वीकार किया और न ही कभी करेगा।
यह बातचीत कनाडा में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के बाद हुई, जहां पीएम मोदी ने हिस्सा लिया था। सम्मेलन के बाद वह क्रोएशिया रवाना हुए, लेकिन इससे पहले ट्रंप के अनुरोध पर दोनों नेताओं के बीच फोन पर करीब 35 मिनट तक चर्चा हुई।
इस बातचीत के केंद्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रहा, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था। पीएम मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट किया कि भारत ने यह कार्रवाई अपने राष्ट्रीय हित में की थी और इसे आतंकवाद के खिलाफ युद्ध माना है, न कि किसी सीमित प्रॉक्सी वॉर के रूप में।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि जी-7 सम्मेलन में मोदी-ट्रंप की मुलाकात पहले से तय थी, लेकिन ट्रंप को अचानक अमेरिका लौटना पड़ा, जिसके कारण व्यक्तिगत मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने फोन पर बातचीत का प्रस्ताव दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम केवल दोनों देशों की सेनाओं के आपसी संवाद से ही हुआ था। इस प्रक्रिया में न तो अमेरिका की कोई भूमिका थी और न ही किसी व्यापार समझौते की चर्चा हुई थी।
पीएम मोदी ने ट्रंप को अगली क्वाड बैठक के लिए भारत आने का निमंत्रण भी दिया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया और भारत आने को लेकर उत्साह भी जताया।