भारत में घटी गरीबी, पाकिस्तान में बढ़ी भुखमरी; वर्ल्ड बैंक का बड़ा खुलासा
नई दिल्ली
पाकिस्तान आज भी महंगाई, बेरोजगारी और गिरती अर्थव्यवस्था की मार झेल रहा है। ताजा वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट ने पड़ोसी देश की आर्थिक असलियत को एक बार फिर सामने ला दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की हालत दिन-ब-दिन इतनी खराब होती जा रही है कि वहां की जनता दाने-दाने को मोहताज है।
दूसरी ओर भारत ने गरीबी के खिलाफ लड़ाई में जबरदस्त जीत हासिल की है। वर्ल्ड बैंक की ‘Poverty and Shared Prosperity’ रिपोर्ट बताती है कि 2011-12 में भारत की 27.1% आबादी गरीबी रेखा के नीचे थी। लेकिन 2022-23 तक यह संख्या घटकर मात्र 5.3% रह गई। यानी करीब 26.9 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं यह संख्या पाकिस्तान की पूरी जनसंख्या से भी अधिक है।
पाकिस्तान की हालत लगातार बिगड़ती जा रही
वहीं, पाकिस्तान में 2017-18 से 2020-21 के बीच अत्यंत गरीबी 4.9% से बढ़कर 16.5% तक पहुंच गई है। यह आंकड़े बता रहे हैं कि कर्ज पर चल रहे इस देश की नीतियां न तो जनता का भला कर पा रही हैं और न ही आर्थिक हालात सुधार पा रही हैं।
वर्ल्ड बैंक ने बदली गरीबी की परिभाषा
अब वर्ल्ड बैंक ने गरीबी रेखा की परिभाषा को भी अपडेट किया है। अब अत्यंत गरीबी का मतलब है प्रतिदिन 3 डॉलर से कम आय। इस पैमाने पर पाकिस्तान की बड़ी आबादी गरीब की श्रेणी में आ जाती है।
भारत तरक्की की राह पर, पाकिस्तान फंस गया है जाल में
रिपोर्ट यह भी संकेत देती है कि पाकिस्तान भले ही IMF और वर्ल्ड बैंक से अरबों डॉलर का कर्ज लेता हो, लेकिन इसका उपयोग विकास कार्यों में कम और आतंकियों व सेना की ताकत बढ़ाने में ज्यादा होता है। भारत-विरोधी नीतियों और आंतरिक अस्थिरता ने उसे दुनिया में अलग-थलग कर दिया है।