पाकिस्तान की कठपुतली सरकार ने दी नई ताकत, क्षेत्रीय शांति पर बढ़ा खतरा
नई दिल्ली
पाकिस्तान की सेना के जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाकर प्रमोट कर दिया गया है। यह दूसरा फाइव-स्टार जनरल है जो अयूब खान के बाद इस पद पर पहुंचा है। हालांकि यह खबर नई नहीं, लेकिन इसे ऐसे वक्त में देखा जा रहा है जब भारत-पाकिस्तान के संबंध बेहद तनावपूर्ण हैं। दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष और क्षेत्रीय सुरक्षा की चिंताएं तेज हो गई हैं।
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आतंकी अड्डों को बड़े पैमाने पर निशाना बनाया। पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सीमावर्ती इलाकों में किए गए नाकाम हमलों को भारतीय सुरक्षा बलों ने कड़ा जवाब दिया। भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को भी सफलतापूर्वक रोका। इस संघर्ष में पाकिस्तान की फौजी तैयारी की पोल खुल गई और वह गंभीर आलोचनाओं के घेरे में आ गया।
मुनीर को फील्ड मार्शल का पद
भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के भीतर सेना और सरकार दोनों में असंतोष बढ़ा। तनाव को कम करने और सेना के भीतर सुलह कायम करने के लिए आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया है। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की और इसे सेना की राजनीतिक प्रभुसत्ता का उदाहरण बताया।
आसिम मुनीर खुद को पाकिस्तान का रक्षक घोषित कर रहे हैं, लेकिन दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए यह संकेत नकारात्मक माने जा रहे हैं।
लोकतंत्र पर संकट
आसिम मुनीर की बढ़ती ताकत पाकिस्तान में सिविल- मिलिट्री बैलेंस को और कमजोर करेगी। पाकिस्तानी लोकतंत्र पहले ही अस्थिर है और इस फैसले से उसकी परिपक्वता और भी प्रभावित हो सकती है।