अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप को दी बड़ी राहत
वाशिंगटन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ी कानूनी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके जन्मजात नागरिकता समाप्त करने वाले आदेश को चुनौती देने के मामलों में संघीय जजों की शक्तियों को सीमित कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब कोई भी संघीय न्यायाधीश ट्रंप के इस आदेश पर तत्काल रोक नहीं लगा सकेगा।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश को न तो तुरंत लागू करने की इजाजत दी है और न ही इसकी वैधता पर कोई टिप्पणी की है। फिर भी, कोर्ट का 6-3 का यह फैसला ट्रंप की नीति को कानूनी ताकत देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
संघीय जजों की निषेधाज्ञाएं निरस्त करने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स और वाशिंगटन के संघीय जजों द्वारा जारी की गई उन तीन निषेधाज्ञाओं को लेकर निर्णय दिया है जो ट्रंप के आदेश पर अमल को रोक रही थीं। जस्टिस एमी कोनी बैरेट द्वारा लिखे गए इस फैसले में कहा गया, कार्यपालिका को कानून लागू करने का अधिकार है, लेकिन न्यायपालिका इसकी सीमाएं नहीं लांघ सकती।
क्या है ट्रंप का आदेश?
राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत उन नवजातों को अमेरिकी नागरिकता देने से इनकार किया गया, जिनके माता-पिता अमेरिकी नागरिक या ग्रीन कार्डधारी नहीं हैं। वर्तमान कानून के अनुसार, अमेरिका में जन्म लेने वाले हर व्यक्ति को स्वतः नागरिकता प्राप्त होती है, चाहे उनके माता-पिता अवैध अप्रवासी ही क्यों न हों।
क्यों उठी आपत्ति?
22 राज्यों के अटॉर्नी जनरल और अन्य याचिकाकर्ताओं ने इस आदेश को अदालत में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि इस आदेश से हर साल लगभग 1.5 लाख नवजात अमेरिकी नागरिकता से वंचित रह जाएंगे, जिससे व्यापक सामाजिक और मानवाधिकार संकट उत्पन्न हो सकता है।