पाकिस्तान की चाल या ट्रंप की तैयारी? नोबेल को लेकर उठे बड़े सवाल
वाशिंगटन
पाकिस्तान द्वारा शांति के लिए डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दर्द फिर से बाहर आ गया। ट्रंप ने कहा कि चाहे वह दुनिया में कितनी भी बड़ी कूटनीतिक सफलता क्यों न हासिल कर लें, नोबेल शांति पुरस्कार उन्हें नहीं मिलेगा, क्योंकि यह सिर्फ “लिबरल्स” को दिया जाता है।
ट्रंप का यह बयान पाकिस्तान सरकार द्वारा उनके नाम की सिफारिश किए जाने के बाद आया है। पाकिस्तान ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान तनाव के समय ट्रंप के “निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप” को मान्यता देते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर अपनी भड़ास निकाली।
मैंने कांगो-रवांडा, भारत-पाक, सर्बिया-कोसोवो, मिस्र-इथियोपिया, अब्राहम समझौता जैसे कई मामलों में मध्यस्थता कराई। लेकिन नोबेल पुरस्कार नहीं मिला। क्योंकि यह सिर्फ लिबरल्स के लिए है।
उन्होंने यह भी कहा कि मिडिल ईस्ट में अब्राहम समझौते के तहत और देश जुड़ सकते हैं, जिससे अरब देशों में ऐतिहासिक एकता बनेगी, लेकिन तब भी उन्हें नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा।
इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने भी ट्रंप को नोबेल के लिए नामित करने की सिफारिश की थी, जिसके बाद वाइट हाउस में ट्रंप और मुनीर की मुलाकात भी हुई थी।
नोबेल शांति पुरस्कार क्या है?
नोबेल शांति पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है, जिन्होंने विश्व में शांति स्थापना के लिए असाधारण योगदान दिया हो। यह पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार हर वर्ष दिया जाता है, जो डायनामाइट के आविष्कारक थे। शांति पुरस्कार को सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मानों में गिना जाता है।