पाक सेना प्रमुख ने की अमेरिकी टीम से गुप्त मुलाकात
नई दिल्ली
हाल के दिनों में अमेरिका की पाकिस्तान के प्रति बढ़ती मेहरबानी ने सभी को चौंकाया है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अमेरिका अचानक पाकिस्तान पर इतना नरम क्यों हो गया है? अब एक बड़ी खबर सामने आई है, जो इस ‘मेहरबानी’ की वजह बताने का दावा करती है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की एक निजी क्रिप्टोकरेंसी कंपनी और पाकिस्तान की नवगठित “क्रिप्टो काउंसिल” के बीच एक बड़ा सौदा हुआ है। इस सौदे में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परिवार और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसीम मुनीर की अहम भूमिका रही है। यह डील अब जांच एजेंसियों के रडार पर है।
‘वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल’ और ट्रंप कनेक्शन
यह सौदा अमेरिकी फिनटेक कंपनी World Liberty Financial और पाकिस्तान की Crypto Council के बीच हुआ है। इस कंपनी में डोनाल्ड ट्रंप के बेटे एरिक ट्रंप, डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और दामाद जैरेड कुश्नर की कुल 60% हिस्सेदारी है। अप्रैल में दोनों पक्षों के बीच एक “लेटर ऑफ इंटेंट” पर साइन हुआ।
बिनांस संस्थापक बने सलाहकार
दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल ने गठन के कुछ ही दिनों के भीतर बिनांस के संस्थापक चांगपेंग झाओ (CZ) को अपना सलाहकार बना लिया, जिससे उसे वैश्विक स्तर पर विश्वसनीयता मिल सके
मुनीर की भूमिका पर सवाल
रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिका से एक हाई-प्रोफाइल प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान पहुंचा, जिसकी अगुवाई कंपनी के संस्थापक जैकरी विटकॉफ ने की। जैकरी, ट्रंप के पुराने बिजनेस पार्टनर और अमेरिका के मिडल ईस्ट दूत स्टीव विटकॉफ के बेटे हैं।
इस प्रतिनिधिमंडल का स्वागत खुद सेना प्रमुख आसीम मुनीर ने किया और इस्लामाबाद में एक गोपनीय बैठक आयोजित हुई। इस मीटिंग में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे।
डील की शर्तें क्या हैं?
जारी किए गए संयुक्त बयान के मुताबिक, इस समझौते के तहत वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल को पाकिस्तान के वित्तीय संस्थानों में ब्लॉकचेन तकनीक लागू करने की अनुमति दी गई है। इसका उद्देश्य फाइनेंशियल सिस्टम को अधिक डिजिटल और पारदर्शी बनाना बताया गया है।
पहलगाम हमले से पहले हुआ सौदा
यह डील जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से कुछ समय पहले हुई थी, जिसके कारण इसकी टाइमिंग भी सवालों के घेरे में है। हालांकि, वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि इस डील के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है।
अब तक डोनाल्ड ट्रंप या उनके परिवार की ओर से इस डील पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन, ट्रंप फैमिली और पाक सेना प्रमुख के जुड़ाव को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चाएं तेज हो गई हैं।