मानसून बना मुसीबत; भूस्खलन, बाढ़ और जानलेवा बारिश से दहशत
नई दिल्ली
दक्षिण-पश्चिम मानसून इस वक्त पूरे उत्तर भारत में अपना विकराल रूप दिखा रहा है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और मध्यप्रदेश में जोरदार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। वहीं दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के लोग अब भी गर्मी से जूझ रहे है।
हिमाचल में बादल फटा, दो मौतें, सैकड़ों पर्यटक फंसे
हिमाचल के कुल्लू और धर्मशाला में पांच जगह बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचाई है। कुल्लू के सैंज, मनाली और बंजार इलाकों में तीन लोग बह गए, जबकि धर्मशाला में हाइड्रो प्रोजेक्ट पर काम कर रहे 10 से अधिक मजदूर बाढ़ में बह गए। अब तक दो शव बरामद हुए हैं। सैंज घाटी में करीब 2,000 पर्यटक और 150 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं।
उत्तराखंड: केदारनाथ मार्ग बंद, 8 जिलों में बाढ़ अलर्ट
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भारी भूस्खलन ने तीर्थयात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। टिहरी, देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर समेत 8 जिलों में तेज बारिश और बाढ़ की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
राजस्थान: मांगरोल में 180 मिमी बारिश, बाढ़ जैसे हालात
राजस्थान में भी मानसून सक्रिय हो गया है। बारां जिले के मांगरोल में सबसे अधिक 180 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर और उदयपुर में 27 जून तक भारी बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट है।
दिल्ली-एनसीआर: उमस से बेहाल लोग, बारिश की उम्मीद
दिल्ली में अब भी बारिश नहीं हुई है। मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि आज से अगले तीन दिनों के भीतर मूसलधार बारिश हो सकती है, जिससे गर्मी से राहत मिलेगी।
जम्मू-कश्मीर: अगले 48 घंटे गंभीर
जम्मू संभाग में भारी बारिश और बादल फटने का खतरा मंडरा रहा है। कटड़ा, रामबन और बटोत में बीते 24 घंटे में भारी वर्षा हुई है। विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मध्यप्रदेश: अगले तीन दिन भारी बारिश का खतरा
राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश का दौर जारी है। 26 से 28 जून तक भोपाल, सागर, जबलपुर, सीहोर, पांढुर्णा, मंडला जैसे कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। दो टर्फ और एक साइक्लोनिक सिस्टम के सक्रिय रहने से मानसून लगातार प्रभावी है।