भारत-पाक तनाव के बीच टूर्नामेंट में पाकिस्तान की हिस्सेदारी संदिग्ध
पाकिस्तान हॉकी महासंघ (PHF) ने एशियाई हॉकी महासंघ (AHF) से अनुरोध किया है कि भारत में 27 अगस्त से 7 सितंबर तक आयोजित होने वाले एशिया कप में उनकी टीम की भागीदारी के लिए वीजा की गारंटी दी जाए। यह मांग भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया बढ़ते तनाव के मद्देनज़र की गई है, खासकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद।
हॉकी इंडिया का रुख
हॉकी इंडिया के महासचिव भोलानाथ सिंह ने कहा, “इस समय कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी। हम सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं और उसी के अनुसार कार्रवाई करेंगे, जैसा कि पहले भी होता रहा है।”
हॉकी इंडिया के एक वरिष्ठ सूत्र ने भी कहा कि सरकार अगर पाकिस्तान को वीजा नहीं देती, तो वह भारत नहीं आ पाएगा। “इस स्थिति में यह तय करना एएचएफ का काम होगा कि क्या टूर्नामेंट सात टीमों के साथ होगा या पाकिस्तान की जगह किसी और टीम को शामिल किया जाएगा,” उन्होंने गोपनीयता की शर्त पर बताया।
क्यों अहम है एशिया कप पाकिस्तान के लिए?
PHF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एशिया कप पाकिस्तान के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 2026 की शुरुआत में होने वाले पुरुष हॉकी विश्व कप के लिए क्वालिफाइंग टूर्नामेंट है। उन्होंने कहा, “हम इस मौके को गंवाना नहीं चाहते। हमारा मानना है कि या तो टूर्नामेंट को भारत से स्थानांतरित कर दिया जाए या फिर एएचएफ हमारी टीम के लिए वीजा की गारंटी सुनिश्चित करे।”
क्या फिर दोहराएगा इतिहास खुद को?
इससे पहले 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत में आयोजित जूनियर विश्व कप में पाकिस्तान ने हिस्सा नहीं लिया था। उस समय मलयेशिया ने उसकी जगह ली थी। अगर इस बार भी वीजा नहीं मिलता है, तो इतिहास खुद को दोहरा सकता है।
अंतिम निर्णय एएचएफ के हाथ में
टूर्नामेंट में भारत, पाकिस्तान, जापान, कोरिया, चीन, मलेशिया, ओमान और चीनी ताइपे की टीमें हिस्सा लेने वाली हैं। पाकिस्तान की भागीदारी पर अंतिम निर्णय एशियाई हॉकी महासंघ द्वारा लिया जाएगा।