पाक क्रिकेट का हीरो अब व्हीलचेयर पर, वजह जानकर दहल जाएगा दिल
नई दिल्ली
क्रिकेट की दुनिया में खिलाड़ी चोटों का सामना करते हैं, लेकिन कुछ किस्से दिल को झकझोर देते हैं। पाकिस्तान से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक पूर्व हिंदू क्रिकेटर को अपने दोनों पैर गंवाने पड़े हैं। यह कहानी है मोहिंदर कुमार की, जिन्होंने पाकिस्तान के लिए घरेलू क्रिकेट खेला और कोच बनकर कई नामी खिलाड़ियों को तराशा।
मोहिंदर कुमार, जिन्होंने 1976 से 1994 तक पाकिस्तान के लिए फर्स्ट क्लास और लिस्ट ए क्रिकेट खेला, अब चलने में असमर्थ हैं। 65 वर्षीय मोहिंदर को डायबिटीज था और इसी के चलते उनके पैरों में गंभीर इन्फेक्शन हो गया। यह संक्रमण इतना बढ़ गया कि डॉक्टरों को उनके दोनों पैर काटने का फैसला लेना पड़ा। यह फैसला उनकी जान बचाने के लिए जरूरी था, लेकिन इसका असर बेहद दर्दनाक रहा।
पूर्व तेज गेंदबाज मोहिंदर कुमार ने 65 फर्स्ट क्लास मैचों में 187 विकेट लिए, जिनमें 10 बार उन्होंने पारी में पांच या उससे अधिक विकेट चटकाए। चार बार उन्होंने एक ही मैच में दस विकेट झटके। उन्होंने 53 लिस्ट ए मुकाबलों में 64 विकेट भी अपने नाम किए। हालांकि शानदार प्रदर्शन के बावजूद वे पाकिस्तान की नेशनल टीम का हिस्सा नहीं बन सके। जानकारों का मानना है कि उनके हिंदू होने की वजह से भी उन्हें मौके नहीं मिल सके।
क्रिकेट के बाद कोचिंग में दिखाया कमाल
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद मोहिंदर ने कोच के रूप में नई पारी शुरू की। उन्होंने मोहम्मद सामी, दानिश कनेरिया, तनवीर अहमद और सोहैल खान जैसे खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी। उनका योगदान पाकिस्तान क्रिकेट के विकास में अहम रहा है।
एक संघर्षशील क्रिकेटर की मार्मिक कहानी
आज जब वे अपने जीवन के कठिन दौर से गुजर रहे हैं, तो यह कहानी न सिर्फ उनकी मजबूती की मिसाल है, बल्कि उन हजारों खिलाड़ियों की भी है, जिनका संघर्ष अक्सर हेडलाइंस में नहीं आता।