नीतीश की कुर्सी हिलाने की तैयारी में चिराग पासवान?
पटना
बिहार की सियासत में गरमी तेज हो गई है। विधानसभा चुनावों से पहले जहां बीजेपी यह कह चुकी है कि नीतीश कुमार ही NDA के सीएम चेहरा होंगे, वहीं सहयोगी नेता चिराग पासवान की रणनीति कुछ और ही इशारा कर रही है। LJP (रामविलास) के नेता चिराग पासवान सीटों की संख्या बढ़ाने और अपने राजनीतिक वजूद को मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं।
CM पोस्ट पर दिखावे का दावा, असली मकसद डिप्टी CM?
LJP (रामविलास) की तरफ से भले ही पोस्टरों में चिराग पासवान को मुख्यमंत्री चेहरा बताया जा रहा हो, लेकिन राजनीतिक जानकारों की मानें तो उनका असली निशाना डिप्टी सीएम की कुर्सी है। चिराग को उम्मीद है कि यदि NDA सत्ता में आती है और नीतीश कुमार स्वास्थ्य या अन्य कारणों से पूरे कार्यकाल तक मुख्यमंत्री नहीं रह पाते, तो उन्हें मौका मिल सकता है।
‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के नाम पर चुनाव में उतरने की तैयारी
दिल्ली की राजनीति से दूरी बनाकर अब चिराग पासवान पूरी तरह बिहार की ओर रुख कर चुके हैं। उनका कहना है कि वे केंद्रीय राजनीति में लंबे समय तक नहीं रहना चाहते और अब बिहार की जनता के लिए काम करना चाहते हैं। उनका ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का नारा युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रहा है।
45 सीटों की डिमांड से JD(U) को मुश्किल में डाल सकते हैं चिराग
चिराग की पार्टी ने विधानसभा चुनाव में लगभग 45 सीटों की मांग रखी है। यह डिमांड खासतौर पर JD(U) के लिए चुनौती बन सकती है, क्योंकि पिछली बार के चुनाव में JD(U) की सीटें घटकर 43 रह गई थीं। बीजेपी को 71 सीटें मिली थीं, जबकि चिराग पासवान उस समय NDA का हिस्सा नहीं थे।
नवादा सीट से चुनाव लड़ने की योजना
सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान इस बार नवादा जैसी सामान्य सीट से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। नवादा में विभिन्न जातीय समूहों का संतुलन है भूमिहार, यादव, SC/ST, कुशवाहा और मुस्लिम वोटर जो उन्हें एक सर्वसमाज नेता के रूप में स्थापित कर सकते हैं।
बीजेपी का रुख फिलहाल तटस्थ
बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने चिराग की योजना पर टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि गठबंधन के हर नेता को अपनी पार्टी चलाने का अधिकार है। वहीं बीजेपी के एक अन्य नेता ने कहा कि सीट बंटवारे का मुद्दा सही समय पर तय किया जाएगा।
2020 में NDA से बाहर थे चिराग
पिछले चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी NDA में शामिल नहीं थी। उन्होंने अकेले चुनाव लड़ा था, जिससे JD(U) को खासा नुकसान हुआ था। इस बार वे NDA के साथ हैं, लेकिन बड़ी हिस्सेदारी की मांग से दोनों प्रमुख दलों बीजेपी और JD(U) के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
राजनीतिक समीकरण: चिराग की प्लानिंग में क्या है खास?
चिराग जानते हैं कि मौजूदा हालात में मुख्यमंत्री बन पाना मुश्किल है, लेकिन डिप्टी सीएम बनकर बिहार की सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित करना एक मजबूत कदम हो सकता है। इससे उन्हें राज्य में योजनाओं और नीतियों को लागू करने का अवसर मिलेगा और पार्टी को आधार विस्तार का मौका भी।
चिराग की निगाहें गठबंधन के भीतर ताकत बढ़ाने पर
चिराग पासवान की रणनीति में अब केवल सीटें जीतना ही नहीं, बल्कि सत्ता की कुंजी में हिस्सेदारी पाना भी शामिल है। आने वाले समय में सीटों का बंटवारा और उम्मीदवारों की घोषणा बिहार की राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकती है।