वित्तीय अनुशासन के नाम पर घटाई गई MLA-LAD योजना की राशि, सियासी हलचल तेज
नई दिल्ली
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने दिल्ली के विधायकों को मिलने वाली क्षेत्रीय विकास निधि (MLA-LAD) में बड़ा बदलाव किया है। अब प्रत्येक विधायक को मिलने वाली वार्षिक राशि 15 करोड़ रुपये से घटाकर 5 करोड़ रुपये कर दी गई है। इस फैसले ने राजधानी की राजनीति में हलचल मचा दी है।
शहरी विकास विभाग के आदेश के अनुसार, कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए MLA-LAD निधि को ₹5 करोड़ निर्धारित किया है। यह निधि अनटाइड होगी, यानी इसे पूंजीगत परियोजनाओं के साथ-साथ परिसंपत्तियों की मरम्मत और रखरखाव में भी खर्च किया जा सकेगा।
विधायक निधि क्या है?
विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (MLA-LAD) के तहत विधायकों को अपने क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा, सड़क, स्कूल आदि विकास कार्यों के लिए धन दिया जाता है। यह राशि स्थानीय स्तर पर जनता की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस्तेमाल होती है। दिल्ली में यह राशि 2018 तक 4 करोड़ रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 10 करोड़ और फिर 2024 में 15 करोड़ कर दिया गया था।
कटौती के पीछे की वजह
भाजपा सरकार ने विधायक निधि में कटौती का कारण वित्तीय अनुशासन और संसाधनों के बेहतर उपयोग को बताया है। सरकार का मानना है कि इस कदम से अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण होगा और विकास कार्य अधिक पारदर्शी तरीके से पूरे होंगे। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बची हुई राशि का उपयोग कैसे किया जाएगा।
कुल आवंटन और विधायकों पर असर
सरकार ने बताया कि इस योजना के तहत कुल 350 करोड़ रुपये दिल्ली के 70 विधायकों के बीच बांटे जाएंगे, यानी प्रत्येक विधायक को 5 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। इससे विधायकों के पास उपलब्ध विकास निधि में 66% की कमी आई है।