110 भारतीयों के सुरक्षित बचाव के बीच, ईरान में पढ़ाई कर रहीं एक कश्मीरी छात्रा का अनुभव युद्ध, विस्फोट और आशा की कहानी
नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत ईरान–इज़रायल संघर्ष के बीच फंसे 110 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत लाया गया। इनमें एक कश्मीरी छात्रा का नाम भी शामिल है, जो ईरान में अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी।
कश्मीरी छात्रा की कहानी
छात्रा ने बताया कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि जल्द ही भारत लौट सकेंगे। उनका चौथा वर्ष चल रहा था डिग्री अधूरी रह जाने का दुख भी है, लेकिन घर परिवार से मिलने की खुशी भी है। उन्होंने कहा: “हमें उम्मीद नहीं थी कि वापस आ पाएंगे… हमें खुशी है कि माता-पिता से मिल पाएंगे”
युद्ध का भय
छात्रा ने ईरान के माहौल को गंभीर बताया, जहाँ सुबह‑सुबह विस्फोटों की आवाज़ सुनाई देती थी और मिसाइल आकाश में उड़ती थीं। “बसों में चल रहे थे और ब्लास्ट हो रहे थे… लोग डरते नहीं, बहादुरी दिखाते रहे”
मोदी सरकार को धन्यवाद
वह मोदी सरकार की कार्रवाई की बहुत सराहना करती हैं: “सरकार ने हमें डोरस्टेप से बचाया… मदद हर कदम पर मिली। हम बहुत आभारी हैं।” ‘ऑपरेशन सिंधु’ में मोदी सरकार की मानवीय विदेश नीति का एक स्पष्ट उदाहरण दिखा, जिसने विदेशों में फंसे भारतीयों को युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित निकाला। कश्मीर की छात्रा का अनुभव यह साबित करता है कि भारत अपने नागरिकों के साथ खड़ा है चाहे वे कहीं भी हों।