हाईकोर्ट में बिजली गुल, NEET याचिका पर हुआ ‘ब्लैकआउट ट्रायल’
इंदौर
नीट यूजी 2025 परीक्षा में आई तकनीकी दिक्कतों को लेकर दाखिल याचिका पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अनोखा तरीका अपनाया। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने खुद कोर्ट रूम की लाइटें 13 मिनट तक बंद करवाईं और अंधेरे में सुनवाई की।
यह मामला 4 मई को आयोजित परीक्षा से जुड़ा है, जब इंदौर में आंधी और बारिश के कारण कई परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल हो गई थी। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि उन्हें अंधेरे में परीक्षा देनी पड़ी, जिससे उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ। इस आधार पर 75 छात्रों ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी।
कोर्ट ने इस दावे की गंभीरता को परखने के लिए खुद लाइट बंद कर अनुभव लिया कि अंधेरे में काम करना कितना मुश्किल होता है। जस्टिस अभ्यंकर ने कहा, “हम देखना चाहते हैं कि बिना रोशनी के काम कितना कठिन होता है, इसलिए अंधेरे में ही सुनवाई करेंगे।”
याचिकाकर्ता पक्ष ने यह भी बताया कि केंद्रों पर न तो कोई बैकअप व्यवस्था थी और न ही वेंटिलेशन, क्योंकि खिड़कियां बंद कर दी गई थीं।
NTA ने दोबारा परीक्षा का किया विरोध
वहीं, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वर्चुअल सुनवाई में दलील दी कि जिन केंद्रों पर बिजली नहीं थी, वहां भी परीक्षार्थियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने परीक्षा दोबारा कराने की याचिका को खारिज करने की मांग की। कोर्ट ने सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
कोर्ट में पहले भी हो चुकी हैं अनोखी सुनवाई
यह पहली बार नहीं है जब इंदौर कोर्ट में ऐसा अनोखा तरीका अपनाया गया हो। इससे पहले बिल्डिंग नीलामी में कोर्ट परिसर में ही बोली लगवाई गई थी, और एक अन्य केस में जजों ने खुद बीआरटीएस का 11 किमी लंबा कॉरिडोर कार से दौरा कर जांच की थी।