अस्पताल बना ‘खतरा’; महिला की मौत के बाद फाइल भी ग़ायब
जयपुर
राजस्थान की राजधानी जयपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, एसएमएस, में चिकित्सा लापरवाही का एक और शर्मनाक मामला सामने आया है। अस्पताल में भर्ती एक प्रसूता की गलत ब्लड ट्रांसफ्यूजन के कारण मौत हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि अब अस्पताल में महिला की मेडिकल फाइल भी गायब है।
पीड़िता पिछले 11 दिनों से एसएमएस अस्पताल में भर्ती थी। जब उसकी हालत बिगड़ी, तो उसे खून चढ़ाया गया, लेकिन ब्लड ग्रुप की पुष्टि किए बिना गलत ब्लड चढ़ा दिया गया, जिससे उसकी जान चली गई।
भास्कर की पड़ताल में सामने आया है कि मौत के 35 घंटे बाद भी अस्पताल प्रशासन यह नहीं बता पाया कि गलती किसकी थी, ड्यूटी पर कौन था और किसने खून चढ़ाया। सभी के पास एक ही जवाब था – महिला की हालत सीरियस थी।
अस्पताल में ब्लड चढ़ाने की प्रक्रिया में कई स्तरों पर जांच और मिलान ज़रूरी होता है। रेजिडेंट डॉक्टर और नर्स को ब्लड की पुष्टि करनी होती है, लेकिन सिस्टम की खामियों ने इस प्रक्रिया को मज़ाक बना दिया है।
ब्लड बैंक में करीब 70% स्टाफ ठेके पर काम कर रहा है, जिनमें से कई बिना पुष्टि किए ही खून जारी कर देते हैं। वार्ड तक खून पहुंचाने वाला वार्ड बॉय भी ठेके पर ही है। यानी पूरे सिस्टम में न स्थायित्व है, न जवाबदेही।
यह कोई पहला मामला नहीं
- फरवरी 2024: 23 वर्षीय सचिन की मौत गलत ब्लड चढ़ने से हुई थी।
- दिसंबर 2024: भरतपुर के 10 साल के मुस्तफा की भी इसी तरह जान गई।
- और अब इस प्रसूता की मौत, जिसकी न केवल जान गई, बल्कि उसकी मेडिकल फाइल भी ‘गायब’ कर दी गई।
मानवाधिकार आयोग ने मामले को संज्ञान में लिया
इस गंभीर मामले पर मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। एसएमएस के अधीक्षक और प्राचार्य को नोटिस जारी कर 12 जून तक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है। आयोग ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
लेकिन सवाल अब भी वही है क्या एक और जांच कमेटी इस मौत का जवाब दे पाएगी, या फिर एक और “कार्रवाई की घोषणा” इस लापरवाही की इतिश्री बन जाएगी।