देश की प्राचीन शिक्षा परंपरा को पुनर्जीवित करने का आह्वान
बीकानेर
राज्यपाल बागड़े ने बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में युवाओं को डिग्री से ऊपर देश के प्रति समर्पण की भावना रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने भारत की समृद्ध वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग विरासत का जिक्र करते हुए रणकपुर मंदिर, गोरखपुर मंदिर और अजंता-एलोरा की गुफाओं जैसी प्राचीन स्थापत्य कला को तकनीकी उत्कृष्टता का जीवंत उदाहरण बताया। उनका कहना था कि इंजीनियरिंग कॉलेजों और तकनीकी विश्वविद्यालयों का मुख्य उद्देश्य देश के लिए सक्षम और जिम्मेदार पेशेवर तैयार करना है, जिसमें बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राज्यपाल ने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए छात्रों से आग्रह किया कि वे नशे से दूर रहें और जिम्मेदार नागरिक बनकर सकारात्मक जीवन मूल्यों को अपनाएं। उन्होंने कहा कि मजबूत चरित्र और देशभक्ति के साथ ही युवाओं को आगे बढ़ना चाहिए। भारत की शिक्षा की गौरवशाली परंपरा, जो तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों से जुड़ी है, को पुनर्जीवित करना आज की आवश्यकता है।
तकनीकी शिक्षा पर जोर
इस समारोह में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि राज्य तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है और अब यह अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि दीक्षांत समारोह को केवल डिग्री प्राप्ति का अवसर न समझें, बल्कि इसे समाज और देश के प्रति अपने दायित्व का स्मरण कराने वाला पल बनाएं।
केंद्रीय मंत्री का तकनीकी प्रगति और नैतिकता पर प्रकाश
केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने तकनीकी विकास के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि स्टीम इंजन के आविष्कार से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक तकनीक ने विश्व की तस्वीर ही बदल दी है। उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रगति के साथ नैतिक मूल्यों का होना भी आवश्यक है, तभी देश प्रगति कर सकता है। उन्होंने युवाओं से नवाचार, रोजगार सृजन और स्व-रोजगार को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर कुल 4,080 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं, जबकि 27 मेधावी छात्रों को राज्यपाल द्वारा स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।