गवर्नमेंट ऑफ यूपी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी को लगाए गए लगाए गए भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोपों के बीच तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया
कानपुर। कानपुर में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद अब एक बड़े administrative फैसले में बदल गया है। आज योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश सरकार ने डॉ. नेमी को भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही के गंभीर आरोपों के चलते निलंबित कर दिया।
निलंबन के प्रमुख कारण:
DM द्वारा अधिकारी की कार्यप्रणाली, अस्पतालों में अनियमितताएँ और कर्मचारियों की गैर‑हाजिरी के बारे में रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी।
सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो में CMO को DM के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करते दिखाया गया, जिसे लेकर सार्वजनिक विवाद और बढ़ गया । भगवा तौलिये का मामला भी इस विवाद को राजनीतिक रूप देने में अहम भूमिका निभा रहा है।
राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव
विवाद ने प्रशासन में कार्य‑समन्वय में खलल डालने का खतरा पैदा कर दिया, इसी कारण राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है । BJP विधायकों में मतभेद स्पष्ट हो गए हैं: कुछ CMO समर्थन में थे, तो कुछ DM के पक्ष में….मुख्यमंत्री कार्यालय, स्वास्थ्य विभाग व DM समेत कई पक्षों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
कानपुर DM–CMO विवाद अब प्रशासनिक पैमाने पर तूल पकड़ने लगा है। भ्रष्टाचार व अनियमितता के आरोपों के बीच Dr. Haridutt Nemi का निलंबन सरकार की शून्य‑सहनशीलता नीति का प्रतीक है। भविष्य में जांच तथा राजनीतिक प्रतिक्रिया इस घटना की दिशा तय करेंगे।