दिल्ली का बंगला छोड़ा, लखनऊ में बढ़ेगी सक्रियता
लखनऊ
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राजनीति में खुद मोर्चा संभालने का फैसला किया है। 2027 में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों को देखते हुए मायावती अब 9 माल एवेन्यू, लखनऊ से सीधे इन दो अहम राज्यों की रणनीति तय करेंगी। दिल्ली स्थित लोधी एस्टेट का बंगला खाली करने के बाद पार्टी में उनके बढ़ते फोकस और लखनऊ में बढ़ती गतिविधियों को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मायावती अब यूपी और उत्तराखंड की हर संगठनात्मक गतिविधि पर खुद नजर रखेंगी। जहां अन्य राज्यों में पार्टी की जिम्मेदारी को-ऑर्डिनेटर्स को दी गई है, वहीं इन दो राज्यों में सभी निर्णय मायावती के मार्गदर्शन में लिए जाएंगे।
5 जून को लखनऊ दौरा और संगठनात्मक बैठकें
सूत्रों की मानें तो मायावती 5 जून को लखनऊ पहुंचेंगी। इसी दिन लखनऊ मंडल सहित कई अन्य मंडलों की बैठकें प्रस्तावित हैं, जिसमें पार्टी की आगामी रणनीति और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने पर चर्चा होगी। मायावती का फोकस विशेष रूप से पिछड़ा, अति पिछड़ा और मुस्लिम तबके को पार्टी से जोड़ने पर है।
दिल्ली बंगले को लेकर सियासी बयानबाज़ी
दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित सरकारी बंगले को छोड़ने के मायने भी सियासी गलियारों में खोजे जा रहे हैं। विपक्षी दल इसे बसपा की घटती राष्ट्रीय हैसियत का संकेत बता रहे हैं और पार्टी के राष्ट्रीय दर्जे पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि बसपा ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि बंगले में बदलाव सुरक्षा कारणों की वजह से किया गया है।
अब मायावती के दिल्ली में 5, सरदार पटेल मार्ग स्थित आवास में रहने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन असली राजनीतिक हलचल अब लखनऊ से ही संचालित होगी। बसपा के संगठन की आगामी रणनीति भी लखनऊ केंद्रित रहने की संभावना है।