3706 करोड़ की लागत, 360 लाख चिप, 2000 नौकरियां, यूपी को मिलेगा बड़ा फायदा
नोएडा
मोदी सरकार ने तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने देश की छठी सेमीकंडक्टर यूनिट को मंजूरी दे दी है, जो उत्तर प्रदेश के जेवर में स्थापित की जाएगी। इस परियोजना पर 3706 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इससे करीब 2000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
यह यूनिट HCL और ताइवानी कंपनी Foxconn के संयुक्त उपक्रम के रूप में बनाई जाएगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह फैसला भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में मजबूत भूमिका दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
सेमीकंडक्टर मिशन के तहत 6वीं यूनिट को हरी झंडी
भारत में 2022 से चल रहे सेमीकंडक्टर मिशन के तहत अब तक 6 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। पांच यूनिट्स निर्माण के अंतिम चरण में हैं और जेवर की यह छठी यूनिट होगी। इसमें डिस्प्ले ड्राइवर चिप का निर्माण किया जाएगा, जिनका उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ में होता ह
यह यूनिट हर महीने 20,000 वेफर की क्षमता से वेफर लेवल पैकेजिंग करेगी। अनुमान है कि इससे सालाना 360 लाख चिप्स तैयार होंगी, जो न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी एक्सपोर्ट की जाएंगी।
जेवर को मिलेगा रणनीतिक लाभ
जेवर एयरपोर्ट की वजह से इस लोकेशन से चिप का एक्सपोर्ट आसान होगा। इस यूनिट से यूपी को औद्योगिक और आर्थिक रूप से बड़ा फायदा मिलेगा। इसके जरिए राज्य में प्रत्यक्ष रोजगार के 2000 अवसर पैदा होंगे।
सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का हो रहा तेजी से विस्तार
सेमीकंडक्टर निर्माण से जुड़ी वैश्विक कंपनियां अब भारत में निवेश कर रही हैं। Applied Materials, Lam Research, Merck, Linde, Air Liquide, Inox जैसी कंपनियां भारत में अपने प्लांट स्थापित कर रही हैं। साथ ही, देश के 270 शैक्षणिक संस्थान और 70 स्टार्टअप्स इस तकनीक में प्रशिक्षण और नवाचार कर रहे हैं।