वीडियो कॉल पर CBI बनकर ठगा वकील को बनाया बंधक
सुप्रीम कोर्ट की एक सीनियर वकील…9 दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रहीं…और उनके अकाउंट से उड़ा दिए गए ₹3.29 करोड़ रुपये।सुप्रीम कोर्ट की एक सीनियर वकील…9 दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रहीं…और उनके अकाउंट से उड़ा दिए गए ₹3.29 करोड़ रुपये। ये कोई आम ठगी नहीं थी…बल्कि एक ऐसा फुल-प्रूफ जाल, जिसमें सब कुछ असली जैसा लगा, फर्जी पुलिस अफसर, नकली CBI अधिकारी… और वीडियो कॉल पर थाने का सेटअप।ठगों ने कहा – उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में आ गया है, और अगर उन्होंने पुलिस का सहयोग नहीं किया तो गिरफ्तारी होगी.
पांच बार में रुपये ट्रांसफर कराए
महिला वकील को कॉल करने के लिए नबर दिया गया. इसके बाद ठगों ने उनसे ठगी की. ठगों ने उनसे पांच बार में 3.29 करोड़ रुपये ट्रांसफर कराए. महिला से सारे रुपये आरटीजीएस के जरिये ट्रांसफर कराए गए. बाद में जब महिला ने अपने छोटे बेटे को ये बात बताई. फिर बेटे ने साइबर थाना पुलिस में इस ठगी की शिकायत दर्ज कराई. महिला वकील नोएडा के सेक्टर-47 में रहती हैं.
पीड़ित महिला वकील ने क्या बताया?
पीड़ित महिला वकील ने पुलिस को बताया कि 10 जून को उनके लैंडलाइन पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने उनको उनके आधार कार्ड से खुले चार बैंक खातों का उपयोग गलत गतिविधियों के लिए किए जाने की बात कही. ठगों ने उसने कहा कि इस संबंध में 27 अप्रैल को पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. अगर मामले में क्लीन चीट चाहिए तो एक नंबर पर संपर्क करो.
ठगों ने एफडी टुड़वाने को कहा
महिला वकील ने ठगों द्वारा दिए नंबर पर संपर्क किया तो उनको डराया गया. ठगों ने वॉट्सऐप पर महिला वकील को अरेस्ट वॉरेंट भेजा. वॉट्सऐप पर ही उनको डिजिटल अरेस्ट किया गया. ठगों ने महिला वकील से कहा कि वो अपनी एफडी तुड़वा लें और सारी रकम बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दें.
ठगों ने वादा किया कि महिला वकील को क्लीन चीट मिलने के बाद सारी रकम उनको वापस दे दी जाएगी. ठगों ने अपना नाम शिव प्रसाद, प्रदीप सावंत और प्रवीण सूद बताया था.