जन आक्रोश के बीच अदालत का बड़ा फैसला, अंकिता को मिला इंसाफ
कोटद्वार
बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में 32 महीने बाद न्याय की गूंज सुनाई दी। कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज बड़ा फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या का दोषी ठहराया। कोर्ट ने इन्हें IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना) और 354 (महिला के साथ दुर्व्यवहार) के तहत दोषी पाया और उम्रकैद की सजा सुनाई।
तीनों दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। साथ ही कोर्ट ने अंकिता के परिजनों को चार लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने का आदेश भी दिया है।
फैसले से पहले तनावपूर्ण माहौल
अदालत का फैसला आने से पहले कोटद्वार में माहौल तनावपूर्ण हो गया। भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़कर न्यायालय परिसर की ओर बढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी ताकत झोंकी। गढ़वाल मंडल के कई जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल मंगवाया गया और पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया।
एसआईटी द्वारा 500 पन्नों के आरोपपत्र किए गए दाखिल
इस केस की पहली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को शुरू हुई थी। एसआईटी द्वारा 500 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया गया था। अभियोजन पक्ष ने 28 मार्च 2023 से गवाही शुरू की, जिसमें 47 अहम गवाहों को अदालत में प्रस्तुत किया गया। जबकि एसआईटी ने कुल 97 गवाह बनाए थे।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
कोटद्वार में सुरक्षा को लेकर कड़े बंदोबस्त किए गए थे। देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। डेढ़ कंपनी पीएसी के जवान भी तैनात किए गए। अदालत परिसर के 200 मीटर के दायरे में धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई, जिससे नारेबाजी और समूह में एकत्र होना प्रतिबंधित रहा। चार मजिस्ट्रेटों को कोटद्वार और एक को पौड़ी में तैनात किया गया।