आर्यन एविएशन पर SOP के उल्लंघन का आरोप, दो मैनेजरों पर दर्ज हुआ केस; हादसे में सात लोगों की दर्दनाक मौत
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ से लौटते समय हुआ हेलिकॉप्टर हादसा अब नए खुलासों के साथ और भी गंभीर होता जा रहा है। हादसे के लिए हेलिकॉप्टर कंपनी आर्यन एविएशन के दो वरिष्ठ अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। फाटा के राजस्व उप निरीक्षक की तहरीर पर सोनप्रयाग पुलिस ने यह रिपोर्ट दर्ज की है, जिसमें डीजीसीए और यूकाडा के नियमों की अनदेखी को इस हादसे का मुख्य कारण बताया गया है।
तय समय से पहले भरी उड़ान, 7 लोगों की मौत
आर्यन हेली कंपनी को सुबह 6 से 7 बजे के बीच उड़ान भरने का स्लॉट मिला था, लेकिन उन्होंने नियम तोड़ते हुए 5:11 बजे ही हेलिकॉप्टर उड़ा दिया। 5:24 बजे, यानी केवल 13 मिनट में ही केदारनाथ से लौटते समय हेलिकॉप्टर गौरीमाई खर्क में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में पायलट सहित सात लोगों की जान चली गई, जिनमें एक 23 महीने की मासूम बच्ची भी शामिल थी।
जिम्मेदारों पर केस दर्ज
तहरीर में आर्यन एविएशन के बेस मैनेजर विकास तोमर और एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 105 और वायुयान अधिनियम 1934 की धारा 10 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
चश्मदीदों ने बताई खौफनाक कहानी
घटना की प्रत्यक्षदर्शी शर्मिला और संजू, नेपाली मूल की बहनें हैं जो गौरी माई खर्क में घास काटने का काम करती हैं। उन्होंने बताया, “हेलिकॉप्टर थोड़ा मुड़ा, पीछे गया और घने कोहरे के कारण पेड़ से टकराकर नीचे गिर गया। देखते ही देखते वो आग की लपटों में घिर गया।” उन्होंने बताया कि हादसा महज 20 मीटर की दूरी पर हुआ, जिससे वो हिल गईं।
जांच के बाद कंपनी पर कार्रवाई
हादसे के बाद डीजीसीए ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आर्यन एविएशन की चारधाम यात्रा संचालन पर रोक लगा दी है। साथ ही ट्रांस भारत एविएशन के दो पायलटों का लाइसेंस भी छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि वे भी खराब मौसम में उड़ान भरते पाए गए।
मुख्यमंत्री धामी का सख्त रुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “यह दुखद और चिंताजनक हादसा है। अब SOP और नियमों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उच्च हिमालयी उड़ानों के लिए विशेष योग्यता वाले पायलटों को ही अनुमति दी जाएगी।”