सरकारी पुताई का कमाल – 4 लीटर से बना इतिहास
भारत देश में चमत्कारों की कोई कमी नहीं है…कहीं बिन बरसात नदियाँ बहती हैं, तो कहीं 4 लीटर पेंट से रंग जाती हैं पूरी की पूरी दीवारें – और वो भी 168 मजदूरों की मेहनत से.जी हाँ, मध्यप्रदेश के एक जिले से आई है ये अजब-गजब खबर… सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार सिर्फ 4 लीटर पेंट की पुताई में लगे 168 मजदूर।मतलब एक-एक मजदूर ने पेंट का एक चम्मच भी नहीं छुआ होगा।
इसी तरह, निपानिया ग्राम के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 20 लीटर पेंट की पुताई, 10 खिड़कियां लगाने और 4 दरवाजों की फिटिंग के लिए 275 मजदूर और 150 मिस्त्री दर्शाए गए हैं. इसके एवज में कुल ₹2,31,685 की राशि आहरित की गई है.
दस्तावेजों में गड़बड़ी
यह सारा काम अनुरक्षण मद के अंतर्गत करवाया गया है. दिलचस्प बात यह है कि बिल बनाने वाली एजेंसी सुधाकर कंस्ट्रक्शन की तरफ से बिल 5 मई 2025 को तैयार किया गया, लेकिन स्कूल प्राचार्य ने उसी बिल को 4 अप्रैल 2025, यानी एक माह पहले ही सत्यापित कर दिया. इस एक महीने की विसंगति ने पूरे मामले की नींव को ही हिला दिया है.
फोटोग्राफ गायब, फिर भी हो गया भुगतान
सरकारी नियमानुसार अनुरक्षण कार्यों के पहले और बाद की तस्वीरें देयक के साथ अनिवार्य रूप से लगानी ही पड़ती हैं, लेकिन दोनों ही मामलों में न तो कोई फोटोग्राफ संलग्न किए गए, न ही काम की कोई स्पष्ट जानकारी दी गई. इसके बावजूद ट्रेजरी ऑफिसर ने भुगतान पारित कर दिया.
अधिकारी बोले: जांच कराएंगे
इस पूरे मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह मरपाची से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, यह मामला मेरे संज्ञान में सोशल मीडिया के माध्यम से आया है. मैं जल्द ही जांच करवा कर आवश्यक कार्रवाई कराऊंगा.